सीरिया के गृहयुद्ध में अब इजरायल की भी एंट्री हो गई है। इजरायली सेना ने सीरिया में कई टैंकों पर हमले किए हैं। दूसरी ओर, सीरिया के स्वेदा शहर में दो दिनों से जातीय हिंसा और भयंकर संघर्ष जारी है, जिसमें अब तक कम से कम 89 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इजरायल ने दावा किया है कि उसने ड्रूज समुदाय की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टैंकों पर हमले किए हैं।
इजरायली सेना का सीरिया में टैंकों पर हमला इजरायली सेना ने सीरिया में कई टैंकों को नष्ट कर दिया है। सेना ने एक वीडियो जारी कर कहा, "हमने ड्रूज समुदाय की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चेतावनी दी थी, जिसके बाद सीरिया में टैंकों पर हमले किए गए।" ड्रूज समुदाय, जो शिया इस्लाम की एक शाखा से उत्पन्न हुआ एक धार्मिक अल्पसंख्यक समूह है, की कुल आबादी लगभग 10 लाख है। इसमें से आधे से अधिक लोग सीरिया में रहते हैं, जबकि शेष इजरायल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स और लेबनान में बसे हैं। खास बात यह है कि ड्रूज समुदाय के लोग इजरायल की सेना में भी सेवा देते हैं, जिसके कारण इजरायल इस समुदाय को अपना सहयोगी मानता है।
हिंसा में सीरियाई सेना के 14 जवानों की मौत ब्रिटेन की संस्था 'सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स' ने बताया कि स्वेदा में हुई हिंसा में दो बच्चे, दो महिलाएं और सीरियाई सेना के 14 जवान मारे गए हैं। वहीं, सीरियाई गृह मंत्रालय ने कहा कि इस हिंसा में 30 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। ### ड्रूज युवक पर हमले के बाद भड़की हिंसा रिपोर्ट्स के अनुसार, स्वेदा के अल-मस्मियाह इलाके में एक अस्थायी चेकपोस्ट पर हिंसा शुरू हुई। यहां बेदुईन समुदाय के कुछ लोगों ने एक स्थानीय ड्रूज युवक पर हमला किया था, जिसके जवाब में ड्रूज समुदाय ने बेदुईन समुदाय के कई लोगों को बंधक बना लिया। इसके बाद मामला शांत हो गया था, लेकिन जल्द ही पूरे क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी। ### सीरियाई गृह मंत्रालय का बयान सीरियाई गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नूरुद्दीन अल-बाबा ने कहा, "राज्य और स्वेदा के किसी भी समुदाय या धार्मिक नेताओं के बीच कोई दुश्मनी नहीं है। सरकार केवल उन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो स्थानीय लोगों पर आतंक मचा रहे हैं।"