सीरिया के लताकिया और तारतूस में सुरक्षा बलों और बशर अल-असद के समर्थक अलावी समुदाय के बीच हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा में कुल 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इन क्षेत्रों में पिछले 72 घंटों से पानी और बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप है। यह मृत्यु दर 2011 के गृहयुद्ध के बाद सबसे अधिक है।
सीरियन सुरक्षा बलों पर हत्या का आरोप सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, सीरियन सुरक्षा बलों ने चार दिनों में 1,018 लोगों की हत्या की। बशर अल-असद पिछले साल दिसंबर में विद्रोह के बाद देश छोड़कर रूस भाग गए थे। इसके बाद हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने सीरिया की सत्ता पर कब्जा कर लिया। HTS के लड़ाके अब सीरियन सेना का हिस्सा हैं और असद के समर्थकों व पूर्व सरकार के अधिकारियों पर लगातार हमले कर रहे हैं।
सीरियन सरकार ने असद समर्थकों को ठहराया जिम्मेदार सीरियन सरकार का कहना है कि बशर अल-असद के समर्थकों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया, जिसके बाद हिंसा शुरू हुई। वहीं, असद समर्थकों और लड़ाकों ने सुरक्षा बलों पर उनके आवासीय क्षेत्रों में बमबारी और गोलीबारी का आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि जब सुरक्षा बलों ने एक व्यक्ति को पकड़ने की कोशिश की, तब स्थिति और बिगड़ गई। सरकार ने लताकिया और तारतूस में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए हैं और कर्फ्यू लागू किया है।
अलावी समुदाय पर निशाना रिपोर्ट्स के अनुसार, अलावी समुदाय को निशाना बनाकर मारा जा रहा है, जिसके कारण सड़कें शवों से पट गई हैं। इस समुदाय की महिलाओं को सड़कों पर निर्वस्त्र परेड करवाया जा रहा है।
असद के वफादारों की मुश्किलें अलावी समुदाय ज्यादातर बशर अल-असद का समर्थन करता है, क्योंकि असद स्वयं इसी समुदाय से हैं।
कट्टर पंथी समुदाय का अलावी के प्रति असंतोष
कट्टर पंथी समुदाय के लोग अलावी को इस्लाम से भटका हुआ मानते हैं और असद शासन को धर्मनिरपेक्ष मानते हुए इसके खिलाफ थे। धार्मिक नेताओं और कट्टरपंथी समूहों ने असद शासन का विरोध किया।
सीरिया में हिंसा का कारण 1971 से सीरिया में अल-असद परिवार का शासन था, जो दिसंबर 2024 में समाप्त हुआ। अहमद अल-शारा ने बशर अल-असद को सत्ता से हटाकर अंतरिम सरकार बनाई। सीरिया में कई लोग मानते हैं कि सुन्नी बहुसंख्यक होने के बावजूद, पिछले पांच दशकों से सत्ता और संसाधन अलावी अल्पसंख्यक समुदाय के पास थे। दिसंबर 2024 में सत्ता पलटने के बाद बशर अल-असद को सीरिया छोड़कर रूस भागना पड़ा। अहमद अल-शारा की अगुवाई में हयात तहरीर अल-शाम ने असद को सत्ता से हटाया, जिसके मूल अल-कायदा की सीरियन शाखा में हैं। यह समूह अभी भी अमेरिका और कई पश्चिमी सरकारों द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध है।