मुंबई: गुरुवार को महाराष्ट्र विधान भवन में बीजेपी विधायक गोपीचंद पडालकर और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसने विधानसभा की गरिमा पर सवाल उठाए। यह घटना विधान भवन की लॉबी में हुई, जहां दोनों पक्षों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कार्यकर्ताओं को एक-दूसरे पर मुक्के और लात चलाते देखा गया।
जितेंद्र आव्हाड ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा, “गुंडों को विधानसभा में घुसने दिया गया। मुझे गालियां दी गईं, जान से मारने की धमकी मिली। अगर विधायक विधान भवन में सुरक्षित नहीं हैं, तो जनप्रतिनिधि होने का क्या मतलब?” उन्होंने दावा किया कि हमलावर उन्हें निशाना बनाने आए थे, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में उनके कार्यकर्ता निशाने पर आ गए।
शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, “अगर गुंडे विधानसभा तक पहुंच गए, तो गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।” वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे विधान भवन की गरिमा के खिलाफ बताते हुए कहा, “ऐसी घटनाएं स्वीकार्य नहीं हैं। विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद अध्यक्ष को इसकी गहन जांच कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
घटना से एक दिन पहले बुधवार को पडालकर और आव्हाड के बीच विधान भवन के प्रवेश द्वार पर तीखी बहस हुई थी। आव्हाड ने आरोप लगाया था कि पडालकर ने जानबूझकर अपनी कार का दरवाजा जोर से बंद किया, जो उन्हें लगा। इस मुद्दे ने दोनों नेताओं के बीच पहले से चली आ रही तनातनी को और हवा दी।
पडालकर ने घटना पर खेद जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद अध्यक्ष से माफी मांगी। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैं इसकी निंदा करता हूं और माफी मांगता हूं।” विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मामले की जांच के लिए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है।
इस घटना ने विधान भवन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, जिसके चलते विपक्ष ने भीड़ प्रबंधन और पास वितरण की प्रक्रिया की समीक्षा की मांग की है।