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Sunday, 3 August 2025

रूस में 7 तीव्रता का भूकंप और 600 साल बाद फटा क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी

रूस में 7 तीव्रता का भूकंप और 600 साल बाद फटा क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी
रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में स्थित कामचटका प्रायद्वीप और कुरिल द्वीप एक बार फिर भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों से हिल गए हैं। 30 जुलाई 2025 को सुबह 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके बाद कुरिल द्वीपों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी। इस घटना के बाद 3 अगस्त को सुबह 11 बजे (भारतीय समयानुसार) फिर से 7.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र कुरिल द्वीपों से 121 किलोमीटर पूर्व में था। इस भूकंप के कारण कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी 600 साल बाद सक्रिय हो गया, जिसके चलते आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। ### ज्वालामुखी सक्रिय, राख 6000 मीटर ऊपर कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया दल के अनुसार, 1856 मीटर ऊंचे क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी से निकली राख लगभग 6000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंची। दल की प्रमुख ओल्गा गिरिना ने बताया कि 600 साल में पहली बार ऐसा विस्फोट देखा गया है। ज्वालामुखी के ढलान पर लावा और दरारें देखी गई हैं, और उत्तर दिशा में गड्ढों से राख के बादल लगातार निकल रहे हैं। इसके साथ ही भाप और गैस का उत्सर्जन भी हो रहा है। इस ज्वालामुखी का नाम इसके खोजकर्ता स्टेपन क्रशेनिनिकोव के नाम पर रखा गया है। ### लगातार भूकंप के झटके भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार, किसी बड़े भूकंप के बाद कई घंटों से लेकर कई दिनों तक छोटे-बड़े झटके आते रहते हैं। समय के साथ इनकी तीव्रता कम होती जाती है। 30 जुलाई के भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी हटा ली गई थी, लेकिन 2 अगस्त को 6.0 तीव्रता का एक और भूकंप दर्ज किया गया। कुरिल द्वीपों पर लगातार भूकंपीय गतिविधियां महसूस की जा रही हैं। 
                 प्रतिकात्मक तस्वीर 
 रूस में ज्वालामुखी और भूकंपीय गतिविधियां रूस विश्व के सबसे अधिक ज्वालामुखी वाले देशों में से एक है। इसके अधिकांश सक्रिय ज्वालामुखी सुदूर पूर्वी क्षेत्र, खासकर कामचटका प्रायद्वीप और कुरिल द्वीपों पर स्थित हैं। यह क्षेत्र प्रशांत महासागर के आसपास भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध 'रिंग ऑफ फायर' का हिस्सा है। रूस में 160 से अधिक ज्वालामुखी हैं, जिनमें से लगभग 29 सक्रिय माने जाते हैं। कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्ल्यूचेव्स्काया सोपका ज्वालामुखी यूरेशिया का सबसे ऊंचा सक्रिय ज्वालामुखी है, जिसकी ऊंचाई 4,750 मीटर से अधिक है। यह ज्वालामुखी अत्यंत सक्रिय है और बार-बार विस्फोट करता है। जुलाई 2025 में इसके विस्फोट से राख का विशाल बादल 13 किलोमीटर तक फैल गया था। इसके अलावा, कामचटका के शिवलुच ज्वालामुखी, जो लगभग 60,000 साल पुराना है, अपने विनाशकारी विस्फोटों के लिए जाना जाता है। अप्रैल 2023 में इसके विस्फोट से आसपास के गांवों में भारी मात्रा में राख फैल गई थी। ### निष्कर्ष कामचटका और कुरिल द्वीपों में हाल की भूकंपीय और ज्वालामुखी गतिविधियों ने इस क्षेत्र की भूगर्भीय अस्थिरता को फिर से उजागर किया है। क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी का 600 साल बाद सक्रिय होना वैज्ञानिकों और स्थानीय प्रशासन के लिए चिंता का विषय है। क्षेत्र में अलर्ट जारी है, और भूकंप के झटके और ज्वालामुखी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।