15 अगस्त, 2025 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अलास्का में मुलाकात ने वैश्विक सुर्खियां बटोरीं। इस मुलाकात का मकसद रूस-यूक्रेन युद्धविराम और आपसी संबंधों पर चर्चा करना था। लेकिन सोशल मीडिया और कुछ भारतीय न्यूज़ चैनलों पर यह दावा वायरल हुआ कि अलास्का में पुतिन की जगह उनका "डुप्लीकेट" था।
डुप्लीकेट के दावे सोशल मीडिया पर दावों के मुताबिक, अलास्का में दिखे व्यक्ति में ये अंतर थे:
चेहरा और डिंपल
कुछ ने कहा कि उनके गाल उभरे हुए थे और डिंपल दिखे, जो पुतिन में नहीं हैं।
बालों की शैली
बालों का स्टाइल पुतिन की सामान्य शैली से अलग था। -
हाव-भाव
वह व्यक्ति ज़्यादा हंस रहा था, जो पुतिन के शांत स्वभाव से मेल नहीं खाता। ### क्या कहते हैं स्रोत? विश्वसनीय स्रोतों जैसे बीबीसी और न्यूज़18 में इस मुलाकात को युद्धविराम और कूटनीति के संदर्भ में कवर किया गया। डुप्लीकेट की कोई बात नहीं उठी। बीबीसी ने बताया कि मुलाकात बिना किसी ठोस समझौते के खत्म हुई।
हमशक्ल की अफवाहें पुतिन के डुप्लीकेट की अफवाहें पुरानी हैं। कुछ का मानना है कि सुरक्षा या स्वास्थ्य कारणों से रूस हमशक्ल का इस्तेमाल करता है। लेकिन इन दावों का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। विशेषज्ञ इन्हें साजिश सिद्धांत मानते हैं। ### सच्चाई या अफवाह?
सबूतों की कमी दावे व्यक्तिगत अनुमान और कम गुणवत्ता वाली तस्वीरों पर आधारित हैं।
मीडिया सनसनी
कुछ चैनलों ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, जो विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
अलास्का में मुलाकात ICC के वारंट से बचने के लिए चुनी गई, क्योंकि अमेरिका इसका सदस्य नहीं है। डुप्लीकेट भेजने का कोई तार्किक कारण नहीं दिखता।
पुतिन के डुप्लीकेट होने का दावा सनसनीखेज़ और बिना सबूत की अफवाह प्रतीत होता है। तथ्य-आधारित खबरों पर भरोसा करें।