श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को 22 अगस्त 2025 को कोलंबो में आपराधिक जांच विभाग (CID) ने सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी श्रीलंका की राजनीति में एक बड़े घटनाक्रम के रूप में देखी जा रही है, जिसने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम को और तेज कर दिया है। ### मामला क्या है? 2023 में, रानिल विक्रमसिंघे ने हवाना में जी-77 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद लंदन की यात्रा की थी। इस दौरान, उन्होंने अपनी पत्नी प्रोफेसर मैत्री विक्रमसिंघे के वॉल्वरहैम्प्टन विश्वविद्यालय में आयोजित एक दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। जांचकर्ताओं का आरोप है कि इस निजी यात्रा का खर्च सरकारी कोष से वहन किया गया, जिसमें लगभग 1.69 करोड़ रुपये का खर्च शामिल था। उनके साथ गए 10 लोगों के दल और सुरक्षा कर्मियों का खर्च भी सरकारी धन से चुकाया गया। विक्रमसिंघे ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि उनकी पत्नी की यात्रा का खर्च उन्होंने स्वयं उठाया था। हालांकि, श्रीलंका पुलिस और CID की जांच में पाया गया कि इस यात्रा में सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हुआ। इसके बाद, उन्हें बयान दर्ज करने के लिए CID कार्यालय बुलाया गया, जहां पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। अब उन्हें कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
रानिल विक्रमसिंघे का राजनीतिक सफर रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका की राजनीति में एक दिग्गज नाम हैं। वे छह बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और जुलाई 2022 से सितंबर 2024 तक राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत रहे। उन्होंने गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति का पद संभाला था और 2022 के आर्थिक संकट से देश को उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, सितंबर 2024 में हुए चुनाव में वे वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके से हार गए।
श्रीलंका में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी श्रीलंका में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ चल रही व्यापक जांच का हिस्सा है। हाल के वर्षों में, देश के कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस मामले ने श्रीलंका की राजनीति में हलचल मचा दी है, और माना जा रहा है कि कोर्ट में पेशी के बाद और भी खुलासे हो सकते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आरोप कुछ लोग इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित मान रहे हैं। विक्रमसिंघे ने खुद इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे उनके खिलाफ साजिश बताया है। सोशल मीडिया पर भी इस गिरफ्तारी को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ यूजर्स ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के रूप में देखा, जबकि अन्य ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया। ### आगे क्या? यह मामला श्रीलंका की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी और कोर्ट में उनकी पेशी से इस मामले में नए तथ्य सामने आ सकते हैं। साथ ही, यह श्रीलंका में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई को और मजबूती प्रदान कर सकता है।