अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स, वर्मोंट के स्वतंत्र सीनेटर, इज़राइल की नीतियों के कट्टर आलोचक रहे हैं। हाल ही में, सैंडर्स ने सीनेट में इज़राइल को 67.5 करोड़ डॉलर से अधिक के हथियारों की बिक्री रोकने के दो प्रस्ताव पेश किए, जिनमें 5,000 बम, सैन्य उपकरण और हजारों असॉल्ट राइफल्स की आपूर्ति शामिल थी। हालांकि, सीनेट ने इन प्रस्तावों को क्रमशः 70-27 और 72-24 के अंतर से खारिज कर दिया। सैंडर्स ने तर्क दिया, “इज़राइल द्वारा ग़ाज़ा में नागरिकों की हत्याएं अमेरिकी हथियारों से हो रही हैं, और हमें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।” उनके समर्थन में 27 डेमोक्रेटिक सीनेटर आए, जो इज़राइल को हथियार बिक्री के खिलाफ थे। इसके बावजूद, अधिकांश सीनेटरों ने इज़राइल को “सुरक्षा सहायता” जारी रखने के पक्ष में मतदान किया, जिससे अमेरिका की दीर्घकालिक नीति पर सवाल उठे। दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय मंच पर, ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर क़ालीबाफ़ ने जायोनी शासन की “विखंडन रणनीतियों” के खिलाफ इस्लामी देशों में एकता और सामूहिक प्रतिरोध का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “ग़ाज़ा और फिलिस्तीन में बिगड़ती स्थिति को रोकना जरूरी है, वरना सीरिया जैसी घटनाएं अन्य देशों में भी दोहराई जाएंगी।” क़ालीबाफ़ ने ईरान की हालिया जवाबी कार्रवाई का हवाला देते हुए दावा किया कि यह इस्लामी उम्मा में नई आशा जगाने वाला कदम था, जो जायोनी ताकतों की कमजोरी को उजागर करता है। यह घटनाक्रम वैश्विक और अमेरिकी स्तर पर इज़राइल के प्रति बदलते नज़रिए को दर्शाता है। जहाँ सैंडर्स जैसे नेता नैतिक आधार पर नीतियों का विरोध कर रहे हैं, वहीं सीनेट का फैसला अमेरिका की पारंपरिक भू-राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को रेखांकित करता है। इस बीच, क़ालीबाफ़ का बयान क्षेत्रीय एकता और प्रतिरोध की बढ़ती मांग को दर्शाता है, जो मध्य पूर्व में तनाव को और गहरा सकता है।
बर्नी सैंडर्स की इज़राइल नीति आलोचना और अमेरिकी सीनेट का हथियार बिक्री समर्थन