मलेशिया की सर्वोच्च अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज़्ज़ाक़ को वन मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद वित्तीय घोटाले के केस में 12 साल की जेल की सज़ा बरक़रार रखी है जिस पर टीकाकारों का कहना है कि अब राजनीति के मैदान में उनकी वापसी का रास्ता बंद हो गया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मलेशिया के चीफ़ जस्टिस मैमून तवान मेट ने अपराध संलिप्तता वारंट भी जारी कर दिया जिसका मतलब यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री को तत्काल जेल जाना होगा।
मलेशिया के 69 साल के पूर्व प्रधानमंत्री फ़ैसले के समय उदास दिखाई दिए जबकि उनकी पत्नी और दो बच्चे भी उनके साथ मौजूद थे।
चीफ़ जस्टिस ने फ़ेडरल कोर्ट के पांच जजों के पैनल की अध्यक्षता करते हुए फ़ैसला सुनाया कि हमें पूर्व प्रधानमंत्री की दायर की हुई अपील में कोई ख़ामी नज़र नहीं आई इसलिए हम सज़ा को बरक़रार रखते हैं।
उनका कहना था कि यह हमारा एकमत फ़ैसला है कि मुक़द्दमे की सुनवाई के दौरान साक्ष्यों ने सभी सातों आरोपों पर भारी जुर्माने का रास्ता साफ़ कर दिया।
ब्रिटेन में अपनी पढ़ाई करने वाले नजीब रज़्ज़ाक़ मलेशिया के संस्थापकों में गिने जाने वाले एक नेता के बेटे हैं और उन्हें छोटी उम्र से ही प्रधानमंत्री पद के लिए तैयार किया गया था।
जुलाई 2020 में एक स्थानीय अदालत ने नजीब रज़्ज़ाक़ को अपने निजी बैंक एकाउंट में सरकारी फ़ंड का पैसा ट्रांस्फ़र करने के मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें अंतिम फ़ैसले के लिए फ़ेडरल कोर्ट जाने का निर्देश दिया था।
नजीब रज़्ज़ाक़ और उनके साथियों पर अरबों डालर का ग़बन करने का आरोप लगा जिसके बाद 2018 में वो चुनाव भी हार गए थे।