Breaking

यमन ने सऊदी अरब के सामने रखी अजीब शर्त, यमनियों की जाल में फंसा रियाज़...

Wednesday, 31 August 2022

नहीं रहे पूर्व सोवियत संघ के अंतिम नेता, 91 वर्ष की आयु में गोर्बाचोफ़ का हुआ निधन

नहीं रहे पूर्व सोवियत संघ के अंतिम नेता, 91 वर्ष की आयु में गोर्बाचोफ़ का हुआ निधन
पूर्व सोवियत संघ के आख़िरी नेता मिख़ाइल गोर्बाचोफ़ का निधन हो गया है। उन्होंने 91 वर्ष की उम्र में अंतिम सांसें लीं। वे वर्ष 1985 से 1991 तक सोवियत संघ की सत्ता में थे।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सोवियत रूस के नेता मिख़ाइल गोर्बाचोफ़  का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले गोर्बाचोफ़ का लंबी बीमारी के बाद निधन हुआ है। मिख़ाइल गोर्बाचोफ़ ने बिना रक्तपात के शीत युद्ध को समाप्त किया, लेकिन वह सोवियत संघ के पतन को रोकने में विफल रहे। रूसी समाचार एजेंसियों ने अस्पताल के अधिकारियों के हवाले से उनकी मौत की पुष्टि कर दी है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 1989 में साम्यवादी पूर्वी यूरोप के सोवियत ब्लॉक राष्ट्रों में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गए, तब भी उन्होंने बल प्रयोग करने से परहेज़ किया। वहीं पिछले क्रेमलिन नेताओं ने 1956 में हंगरी और 1968 में चेकोस्लोवाकिया में विद्रोह को कुचलने के लिए टैंक भेजे थे, लेकिन विरोधों ने सोवियत संघ के 15 गणराज्यों में स्वायत्तता की आकांक्षाओं को हवा दी, जो अगले दो वर्षों में विरोध की आग में जलने लगा, उस पतन को रोकने के लिए गोर्बाचोफ़ ने काफ़ी संघर्ष किया था।

मिख़ाइल गोर्बाचोफ़ केवल 53 वर्ष की आयु में साल 1985 में कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने। इस पद पर वे 1991 तक बने रहे जब पार्टी खुद भंग हो गई और जल्द ही सोवियत संघ का पतन हो गया। उनकी 'ग्लासनोस्ट' की नीति - मुक्त भाषण - ने पार्टी और राज्य की पहले अकल्पनीय आलोचना की अनुमति दी, लेकिन उन राष्ट्रवादियों को भी प्रोत्साहित किया जिन्होंने लातविया, लिथुआनिया, एस्टोनिया और अन्य जगहों के बाल्टिक गणराज्यों में स्वतंत्रता के लिए दबाव डालना शुरू किया। कई रूसियों ने गोर्बाचेव को उस उथल-पुथल के लिए कभी माफ नहीं किया, जो उनके सुधारों ने शुरू की। 30 जून को अस्पताल में गोर्बाचोफ़ देखने के बाद, उदारवादी अर्थशास्त्री रुस्लान ग्रिनबर्ग ने सशस्त्र बलों के समाचार आउटलेट ज़्वेज़्दा से कहा: "उन्होंने हमें सभी स्वतंत्रता दी, लेकिन हम नहीं जानते कि इसके साथ क्या करना है।" ग़ौरतलब है कि हाल के वर्षों में गोर्बाचोफ़ की सेहत लगातार ख़राब होती जा रही थी और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इसी साल जून महीने में कुछ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में ये दावा किया गया था कि किडनी की बीमारी की वजह से गोर्बाचोफ़ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, गोर्बाचोफ़ के निधन का कारण अभी तक नहीं बताया गया है। गोर्बाचोफ़ का अंतिम संस्कार मॉस्को में होगा। रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार उन्हें नोवोदिवेची सेमेट्री उनकी पत्नी रइसा की क़ब्र के पास ही दफ़न किया जाएगा जिनका 1999 में ल्यूकेमिया से निधन हो गया था। रूस के कई बड़े नेताओं की क़ब्रें इसी क़ब्रगाह में हैं। (RZ)