रूस ने यूरोप को गैस सप्लाई करने वाली मुख्य गैस पाइपलाइन से गैस की सप्लाई फिर रोक दी है जिसके बाद गंभीर ऊर्जा संकट से गुज़र रहे यूरोप की चिंता बढ़ गई है।
ऊर्जा संकट के चलते यूरोप के धनवान देशों में भी मंदी का डर पैदा हो गया है और गैस की सप्लाई रुक जाने का विषय यूरोपीय देशों को बेचैन कर रहा है।
नार्द स्ट्रीम 1 से गैस सप्लाई बुधवार से तीन सितम्बर तक रुक जाएगी। जर्मनी को बाल्टिक सागर के रास्ते से होने वाली गैस की सप्लाई भी रुक गई है।
यूरोपीय देशों को यह डर है कि रूस कहीं गैस की सप्लाई लंबे समय के लिए न रोक दे क्योंकि इस समय यूरोप और रूस के बीच जंग जैसे हालात हैं।
युक्रेन के मसले पर दोनों पक्ष आमने सामने हैं। यूरोप को लगता है कि यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस पर लगी पाबंदियों के जवाब में मास्को गैस की सप्लाई रोक सकता है और उसका कहना है कि राष्ट्रपति पुतीन गैस को हथियार के रूप में प्रयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि मास्को सरकार इस आरोप को ख़ारिज करती है।
गैस संकट की वजह से यूरोप में गैस की क़ीमतों में चार गुना से भी अधिक की वृद्धि हो गई है जिसकी वजह से चीज़ों की क़ीमतें बेक़ाबू होती जा रही हैं।
इससे पहले भी रूस ने गैस पाइपलाइन की मरम्मत की वजह से दस दिन तक गैस की सप्लाई रोक दी थी जिसके बाद सप्लाई बहाल हुई मगर दो सप्ताह से भी कम समय बीता है कि रूस ने एक बार फिर कहा है कि मरम्मत के लिए गैस सप्लाई रोकी जा रही है।