भारत द्वारा रूस से सस्ता तेल ख़रीदने पर यूक्रेन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। यूक्रेन के विदेशमंत्री दिमित्रो कुलेबा का कहना है कि भारत रूस से सस्ता तेल नहीं ख़रीद रहा है बल्कि वह तो यूक्रेन वासियों का ख़ून ख़रीद रहा है।
भारतीय संचार माध्यमों के अनुसार उन्होंने कहा कि जो तेल रूस से भारत पहुंच रहा है उसमें यूक्रेन का ख़ून मिला हुआ है। भारत द्वारा रूस से सस्ता तेल ख़रीदने पर यूक्रेन की ओर से पहली बार इस प्रकार से एतेराज़ जताया गया था। वैसे यूक्रेन के अतिरिक्त अमरीका सहित यूरोप के कई देश भी भारत के काम से खुश नहीं हैं।
यूक्रेन के विदेशमंत्री ने यह भी कहा कि अपने देश से भारतीय छात्रों को निकलवाने में हमने बहुत मेहनत की और सरकार ने पूरा सहयोग दिया था।
दिमित्री कुलेबा ने भारत की तटस्थ रहने की नीति पर भी सवाल उठाया।उनका मानना है कि वर्तमान हालात में भारत को यूक्रेन की अधिक मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन, सदा से भारत भरोसेमंद साथी रहा है किंतु रूस से सस्ता तेल ख़रीदकर भारत, एक प्रकार से यूक्रेन के लोगों का ख़ून ख़रीद रहा है। उसको यह समझना होगा कि इसमें यूक्रेन वासियों की मौत शामिल है।
अमरीका भी रूस से भारत द्वारा तेल न ख़रीदे जाने पर दबाव बनाता रहा है। इसी बीच भारत सरकार ने इस बारे में अपनी नीति स्पष्ट करते हुए बताया है कि अपनी जनता को सस्ती दरों पर ऊर्जा उत्पादन उपलब्ध कराना हमारी ज़िम्मेदारी है।