दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर अमेरिकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट को लेकर लगे 'पेड न्यूज़' के आरोपों पर अब अख़बार ने जवाब दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए उसी रिपोर्ट को, पूरी तरह रिपोर्टिंग पर आधारित ख़बर बताया है, ना कि विज्ञापन.
दैनिक अख़बार अमर उजाला ने न्यूयॉर्क टाइम्स के जवाब पर ख़बर प्रकाशित की है. अख़बार के मुताबिक न्यूयॉर्क टाइम्स की प्रवक्ता निकोल टायलर ने एक ईमेल में न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया है कि हमारी रिपोर्ट निष्पक्ष और ज़मीनी रिपोर्टिंग पर आधारित है.
अमेरिकी अख़बार का कहना है कि शिक्षा एक ऐसा मुद्दा है जिसे अख़बार ने सालों से कवर किया है और उनकी पत्रकारिता हमेशा स्वतंत्र होती है.
न्यूयॉर्क टाइम्स और यूएई के अख़बार ख़लीज टाइम्स में दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर रिपोर्ट प्रकाशित की गई थीं. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के बारे में शुक्रवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने जानकारी देते हुए इसे सरकार की उपलब्धि बताया. लेकिन, बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली की आम आदमी सरकार ने पैसे देकर दोनों अख़बारों में ये रिपोर्ट प्रकाशित कराई है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए अंग्रेज़ी न्यूज़ वेबसाइट इंडिया टुडे से भी बात की है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है, ''अख़बार पुष्टि करता है कि उसके अंतरराष्ट्रीय संस्करण में पहले पन्ने पर छपा आर्टिकल न्यूज़ कवरेज है, ना कि विज्ञापन या इसके लिए किसी तरह का भुगतान नहीं किया गया है.''
अख़बार ने कहा, ''न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकारिता हमेशा स्वतंत्र रही है, राजनीतिक या विज्ञापनदाता के प्रभाव से मुक्त. अन्य समाचार संस्थान नियमित रूप से हमारी कवरेज को अनुमति लेकर फिर से प्रकाशित करते हैं.''
ये विवाद तब शुरू हुआ जब सीबीआई ने दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से जुड़े मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर शुक्रवार सुबह छापेमारी की.
इसके बाद सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि आज न्यूयॉर्क टाइम्स में दिल्ली के शिक्षा मंत्री की तारीफ़ में आर्टिकल छपा तो उनके घर पर सीबीआई भेज दी गई. बीजेपी उन्हें काम करने से रोकना चाहती है. हालांकि, बीजेपी ने नई शराब नीति में अनियमितताओं के लिए मनीष सिसोदिया को ज़िम्मेदार ठहराया है.