अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के बोर्ड आफ़ गवर्नर्ज़ की बेठक समाप्त हो गई और इस्लामी गणराज्य ईरान के ख़िलाफ़ कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया जिसके लिए पश्चिमी देश और इस्राईल बड़ी कोशिश कर रहे थे।
पश्चिमी देश और इस्राईल बार बार ईरान के परमाणु कार्यक्रम के ख़िलाफ़ अफ़वाहें फैलाते हैं जबकि बार बार यह साबित होता रहा है कि ईरान का न्युक्लियर प्रोग्राम सिविलन लक्ष्यों के रास्ते से हटा नहीं है।
अमरीका, फ़्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के साथ मिलकर इस्राईल की भी यह कोशिश थी कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के ख़िलाफ़ माहौल बनाए लेकिन इन कोशिशों को उस समय धचका लगा जब बोर्ड आफ़ गवर्नर्ज़ की बैठक बग़ैर कोई ईरान विरोधी प्रस्ताव पारित किए समाप्त हो गई।
इस्लामी गणराज्य ईरान आईएईए के साथ सहयोग कर रहा है जिसकी बुनियाद पर संस्था ने यह एलान भी किया कि दो मुद्दों का समाधान हो गया जिनमें एक मुद्दा 83.7 प्रतिशत ग्रेड तक संवर्धित यूरेनियम से जुड़ा था। इस संदर्भ में संस्था को ईरान ने अपने जवाब और तर्कों से संतुष्टि कर दिया।
ईरान ने आईएईए को अनुमति दी है कि वह ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान में अपने कैमरे इंस्टाल करे।
टीकाकारों की दृष्टि में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मसले में अच्छी प्रगति के चिन्ह दिखाई दे रहे हैं।