मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में सोमवार को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के साथ हुई एक मुठभेड़ में 10 संदिग्ध चरमपंथियों की मौत हो गई है.
इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान भी गंभीर रूप से घायल हुआ है. यह मुठभेड़ दोपहर के करीब 3 बजे जिरीबाम शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर बोरोबेकरा थाना क्षेत्र के पास एक ग्रामीण इलाके में हुई.
इंफाल में स्थित मणिपुर पुलिस के मुख्यालय में तैनात एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मुठभेड़ की इस घटना की पुष्टि करते हुए बीबीसी से कहा, "मुठभेड़ की यह घटना आज दोपहर 3 बजे की है. 10 चरमपंथियों की मौत हुई है. सीआरपीएफ का एक जवान भी घायल हुआ है. पुलिस ने इस घटना के संदर्भ में एक आपराधिक मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है."
ऐसी जानकारी है कि बोरोबेकरा थाना क्षेत्र के जकुराडोर करोंग इलाके में आज सुबह से कुछ संदिग्ध हथियारबंद चरमपंथियों ने कई हमले किए थे. उन्होंने उस गांव में खाली पड़ी कई दुकानों और घरों में आग लगा दी, जहां ज़्यादातर मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं.
उस इलाके में स्थित सीआरपीएफ के एक कैंप को जब चरमपंथियों ने निशाना बनाने की कोशिश की तो दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मुठभेड़ में मारे गए युवक कुकी समुदाय के चरमपंथी हैं जबकि कुकी जनजाति के सबसे बड़े संगठन कुकी-ज़ो काउंसिल ने इन लोगों को लोकल वोलंटियर बताया है.
मणिपुर पुलिस ने इस घटना पर एक बयान जारी किया है. जिसमें लिखा है, "हथियारबंद चरमपंथियों ने जिरीबाम जिले के जकुराडोर इलाके में स्थित सीआरपीएफ के एक पोस्ट पर हमला कर दिया. जिसके बाद बचाव में सुरक्षाबलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक जवान संजीव कुमार को गोली लगी है. फिलहाल उन्हें असम के सिलचर स्थित मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है."
मणिपुर पुलिस ने अपने बयान में बताया है कि 40 से 45 मिनट की फायरिंग के बाद सुरक्षाबलों ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर स्थिति को नियंत्रण में ले लिया था. इसके बाद जब इलाके में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया तो 10 चरमपंथियों के शव बरामद किए गए. इस दौरान घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने भारी तादाद में हथियार और गोला बारूद बरामद किया है.
एक जानकारी ये भी मिली है कि इस घटना के बाद से पांच नागरिक लापता हैं. ये सभी मैतेई समुदाय के बताए गए हैं.
पुलिस को अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि लापता लोगों को अगवा किया गया है या वो कहीं छिपे हुए हैं.
दरअसल बीते गुरुवार को जिरीबाम जिले में कुकी कबीले की एक 31 साल की आदिवासी महिला की हथियारबंद चरमपंथियों के हमले में मौत हो गई थी. उस घटना के बाद से इलाके में हिंसा और तनाव का माहौल बना हुआ है.
कुकी जनजाति के प्रमुख संगठन कुकी-ज़ो काउंसिल ने मुठभेड़ की घटना पर दुख जताते हुए पीड़ितों के सम्मान में सामूहिक दुख और एकजुटता व्यक्त करने के लिए कल सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कुकी बहुल इलाकों में पूर्ण बंद की घोषणा की है.