अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए अहम नियुक्तियां शुरू कर दी हैं.
पिछले कुछ दिनों में जिन नियुक्तियों का एलान हुआ है, उन्हें देखते हुए ये मध्य-पूर्व और दक्षिण एशिया ख़ास कर भारत और पाकिस्तान को लेकर उनकी नीतियों पर कयास लगाए जाने लगे हैं.
हालांकि ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर शख़्स एलन मस्क को अहम ज़िम्मेदारी देकर ये संकेत दे दिया है कि दूसरे कार्यकाल में उनकी नीतियां क्या होंगी.
ट्रंप ने मस्क के साथ 'फॉक्स न्यूज़' के पूर्व होस्ट पैट हॉगसेथ को भी अपनी कैबिनेट में शामिल किया है.
लेकिन उन्होंने कुछ ऐसे लोगों को भी मंत्री पद के लिए नॉमिनेट किया है जो दक्षिण एशिया, ख़ास कर भारत और पाकिस्तान के साथ मध्य पूर्व पर अपने विचारों के लिए चर्चित रहे हैं.
हालांकि पर्यवेक्षकों का कहना है कि ट्रंप इन क्षेत्रों को लेकर क्या नीति अपनाएंगे ये उनके कामकाज शुरू करने पर ही पता चलेगा.
जानते हैं कि ट्रंप की ओर से अब तक नियुक्त किए गए मंत्रियों का भारत, पाकिस्तान और मध्य-पूर्व के सवालों पर क्या रुख़ है...
ट्रंप ने मार्को रूबियो को अमेरिका का विदेश मंत्री बनाया.
रूबियो पहले ट्रंप के विरोधी भी रहे हैं. लेकिन बाद में वो उनका समर्थन करने लगे थे.
उन्हें भारत समर्थक समझा जाता है. इस साल जुलाई में सीनेटर रूबियो उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने सीनेट में भारत के समर्थन और पाकिस्तान के विरोध में एक बिल पेश किया था.
बिल का नाम था यूएस-इंडिया को-ऑपरेशन एक्ट.
इसका मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये के ख़िलाफ़ भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है.
इस बिल में अमेरिका और भारत के बीच सुरक्षा सहयोग के प्रावधान हैं. बिल में भारत की रक्षा, नागरिक सुरक्षा और टेक्नोलॉजी क्षेत्र की चुनौतियों को देखते हुए उससे सहयोग का प्रावधान है.
मार्को रूबियो पाकिस्तान के सबसे नज़दीकी सहयोगी चीन के ख़िलाफ़ भी अपने कड़े रवैये के लिए जाने जाते हैं.
फ्लोरिडा के सांसद माइक वॉल्ट्ज़ को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद के लिए नामित किया गया है.
50 साल के वॉल्ट्ज़ अमेरिकी सेना में रहे हैं और अफ़ग़ानिस्तान, मध्य पूर्व और अफ़्रीका में कई बार अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
पिछले साल एक भारतीय चैनल पर उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान का ज़िक्र करते हुए कहा था, ''आतंकवाद विदेश नीति का हिस्सा नहीं हो सकता है. चाहे वो लश्कर-ए-तैयबा हो या फिर दूसरे आतंकवादी समूह, उन्हें मंज़ूर नहीं किया जा सकता.''
ट्रंप ने सांसद तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर नामित किया है. ये विभाग अमेरिका में सारी ख़ुफिया एजेंसियों का काम देखता है. इस लिहाज से ये काफी अहम पद है.
तुलसी गबार्ड अमेरिकी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर काम कर चुकी हैं.
ट्रंप प्रशासन के मुताबिक़ वह मध्य पूर्व और अफ़्रीका में भी तैनात रही हैं.
तुलसी गबार्ड पाकिस्तान की आलोचक रही हैं. उन्होंने 2017 में ओसामा बिन लादेन को शरण देने के मामले में पाकिस्तान की आलोचना की थी.