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Sunday, 17 November 2024

रणक्षेत्र में ईरान की डिप्लोमेसी, इस्लामी क्रांति के सलाहकार की दमिश्क और बेरूत यात्रा का संदेश

रणक्षेत्र में ईरान की डिप्लोमेसी, इस्लामी क्रांति के सलाहकार की दमिश्क और बेरूत यात्रा का संदेश
रणक्षेत्र में ईरान की डिप्लोमेसी, इस्लामी क्रांति के सलाहकार की दमिश्क और बेरूत यात्रा का संदेश

ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता के सलाहकार अली लारीजानी ने सीरिया की राजधानी दमिश्क और लेबनान की राजधानी बैरूत की यात्रा की है।

यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब ज़ायोनी सरकार के हमले यथावत जारी हैं और आज़ादी की रक्षा में इस यात्रा के महत्वपूर्ण संदेश हैं।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के सलाहकार अली लारीजानी गुरूवार को सबसे पहले सीरिया की राजधानी दमिश्क पहुंचे ताकि सीरिया के वरिष्ठ अधिकारियों से क्षेत्रीय परिवर्तनों और द्विपक्षीय संबंधों के बारे में विचारों का आदान- प्रदान कर सकें।

दमिश्क में भेंटवार्ता के बाद ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के सलाहकार लेबनान की राजधानी बेरूत की यात्रा पर गये।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार अली लारीजानी शुक्रवार को बेरूत पहुंचे। लगभग पिछले चालिस दिलों के भीतर किसी वरिष्ठ ईरानी अधिकारी की यह तीसरी लेबनान यात्रा है।  

अभी पिछले सप्ताहों में ईरान के विदेशमंत्री सैय्यद अब्बास इराक़ची, संसद सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ भी लेबनान की यात्रा पर गये थे जहां उन्होंने लेबनान और ग़ज़ा पट्टी में ज़ायोनी सरकार के जारी अपराधों सहित विभिन्न विषयों के बारे में लेबनानी अधिकारियों से विचारों का आदान- प्रदान किया था।

अली लारीजानी की बेरूत यात्रा के दौरान जिस बिन्दु पर संचार माध्यमों में ध्यान दिया गया वह यह था कि लारीजानी उस समय बेरूत हवाई अड्डे पर पहुंचे जब ज़ायोनी सेना उसके आस पास के क्षेत्रों पर बमबारी कर रही थी। इस विषय पर सोशल साइटों पर बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया दिखाई गयी।

सोशल साइट एक्स के एक यूज़र अली मुख़्तारज़ादे ने अपनी पोस्ट में लारीजानी की बेरूत और दमिश्क यात्रा की ओर संकेत किया और पैग़म्बरे इस्लाम के नाती इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को उनका आदर्श बताया।

मुख़्तारज़ादे ने लिखा कि महान ईरान के जियाले व शूरवीर किसी चीज़ की परवाह किये बिना शांति की दिशा में अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का अनुसरण करते हुए एक ईरानी कमांडर रणक्षेत्र में है चाहे वह डिप्लोमेटिक सतह पर हो या सैनिक सतह पर।

सोशल मंच एक्स के एक अन्य ईरानी यूज़र मुहिब्बी ने ज़ायोनी सरकार के हमले के समय ईरानी और ज़ायोनी राजनेताओं के व्यवहार की तुलना एक दूसरे से करते हुए लिखाः भय शब्द ईरानियों के लिए अस्पष्ट है। इस समय अगर ज़ायोनी अधिकारी व नेता होते तो सभी बंकर और शरण में भागने व शरण लेने की चेष्टा में होते परंतु अली जारीजानी और उनकी टीम इस्राईली हमले के समय आराम से रास्ता चल रही थी।

दमिश्क और बेरूत के लिए लारीजानी की यात्रा के संदेश

हालिया महीनों के दौरान बेरूत और दमिश्क की ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों की यात्रा का एक विशेष संदेश है। पहला संदेश यह है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान हर स्थिति में प्रतिरोध के साथ है और इस संबंध में संचार माध्यमों में झूठे प्रचार आदि का तेहरान की स्ट्रैटेजी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

दूसरा संदेशः हालिया महिनों और सप्ताहों में पश्चिमी संचार माध्यमों ने यह दिखाने व दर्शाने का प्रयास किया कि दमिश्क तेहरान से दूर हो रहा है और वह पश्चिमी व अरबी मोर्चे से निकट हो रहा है। यह वह दावा था जिसके साथ विभिन्न झूठ भी थे। इस प्रकार की स्थिति में लारीजानी की सीरिया यात्रा के दौरान जिन विषयों पर चर्चा की गयी वे इस बात के सूचक हैं कि दोनों देश यथावत द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार की दिशा में अग्रसर हैं और क्षेत्रीय परिवर्तनों के संबंध में दोनों देशों के समान दृष्टिकोण हैं।

तीसरा संदेशः लारीजानी की बेरूत यात्रा ऐसे समय में हुई जब संचार माध्यमों के एलान के अनुसार बेरुत में अमेरिकी राजदूत ने ज़ायोनी सरकार और हिज़्बुल्लाह के मध्य युद्ध विराम के मसौदे को लेबनान के संसद सभापति नबीबेर्री को दिया है। यह वह प्रस्ताव व मसौदा है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इसे सीधे अमेरिका के चुने हुए नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इच्छा के अनुसार संकलित किया गया है। इस आधार पर लारीजानी की बेरूत यात्रा और युद्ध विराम के बारे में तेहरान और बेरूत के मध्य होने वाला विचार- विमर्श इस बात का सूचक है कि ईरान वास्तविक युद्धविराम का इच्छुक व पक्षधर है न कि थोप गया युद्धविराम।

चौथा संदेशः लेबनान के वरिष्ठ अधिकारियों से लारीजानी की यात्रा इस बात की सूचक है कि अमेरिकी और पश्चिमी संचार माध्यमों के दुष्प्रचार के विपरीत तेहरान और बेरूत के मध्य होने वाली सहकारिता व सहयोग में किसी प्रकार का विघ्न उत्पन्न नहीं हुआ है। हालिया दिनों में कुछ अमेरिकी संचार माध्यमों ने झूठ में ही नबी बेर्री जैसे कुछ लेबनानी अधिकारियों का हवाला देकर यह दिखाने का प्रयास किया था कि दोनों पक्षों में मतभेद हैं। इस संबंध में पश्चिमी संचार माध्यमों में किये गये दावों का लेबनान के संसद सभापति ने भी खंडन किया था। MM