डेटा से पता चलता है कि भारी करों और ब्रेक्सिट के आर्थिक परिणामों के कारण इंग्लैंड से अमीरों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ है और देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर अलार्म बज चुका है। वैश्विक संस्थान "न्यू वर्ल्ड वेल्थ" (New World Wealth) और अंतरराष्ट्रीय परामर्श कंपनी "हेनली एंड पार्टनर्स" (Henley & Partners) के विश्लेषण से पता चलता है कि 2024 में 10,000 से अधिक करोड़पति ब्रिटेन छोड़ देंगे। इस रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड ने 2023 में लगभग 4 हज़ार 200 करोड़पति और 2017 से 2023 तक लगभग 16 हज़ार 500 करोड़पति खो दिए हैं।
ब्रिटेन अपनी 'गैर-डोम' कर व्यवस्था को समाप्त करने की योजना बना रहा है, जिससे धनी व्यक्तियों के संभावित पलायन के बारे में चिंताएँ पैदा हो रही हैं। इस परिवर्तन के परिणामस्वरूप अनुमानित £3 बिलियन की वृद्धि के बजाय लगभग £1 बिलियन का राजस्व नुकसान हो सकता है। कुछ वित्तपोषक पहले से ही दुबई, स्विटजरलैंड या इटली जैसे अधिक कर-अनुकूल देशों में जा रहे हैं।
ब्रिटेन की अपनी "गैर-डोम" व्यवस्था को समाप्त करने की योजना पर चिंता की लहर बढ़ती जा रही है, कर सलाहकारों और धनी व्यक्तियों की एक श्रृंखला ने चेतावनी दी है कि इस बदलाव के कारण सुपर-रिच का पलायन होगा। इस महीने हुए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि उन्मूलन से देश को लगभग £1 बिलियन ($1.3 बिलियन) का राजस्व नुकसान हो सकता है, जबकि शुरू में £3 बिलियन की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। वास्तविक साक्ष्य बताते हैं कि कुछ वित्तपोषक पहले से ही दुबई, स्विट्जरलैंड या इटली जैसे अधिक कर-अनुकूल देशों की ओर जा रहे हैं। फिर भी, चिंताएँ अतिरंजित साबित हो सकती हैं।