तेहरान: ईरान ने जमीन के नीचे नौसैनिक अड्डा बनाया है. पूरी दुनिया को ईरान ने अपनी नई ताकत दिखाई. ईरान के सरकारी टेलीविजन ने शनिवार को बताया कि इसमें दर्जनों मिसाइलों से लैस हमला करने वाली नौकाएं हैं. नेवी बेस कहां है इसकी सटीक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन यह ईरान के रणनीतिक दक्षिणी जल क्षेत्रों जिसमें खाड़ी, होरमुज जलडमरूमध्य और ओमान की खाड़ी शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार यह अड्डा 500 मीटर की गहराई में बनाया गया है और यह इन महत्वपूर्ण जलमार्गों में ईरान की नौसैनिक क्षमता को बढ़ाने के लिए बनाया गया है.
ईरान के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक कुछ नौकाएं अमेरिकी युद्धपोतों और विध्वंसक जहाजों को नष्ट करने में सक्षम हैं. फुटेज में गार्ड्स के प्रमुख जनरल होसैन सलामी को नौसैनिक शाखा के कमांडर रियर एडमिरल अलीरेजा तांगसिरी को इस अड्डे का दौरा करते हुए दिखाया गया. अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के संभावित शुरुआत के बीच ईरान ने इस तरह की ताकत दिखाई है. अपने पहले कार्यकाल के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा दबाव की नीति अपनाई थी. 2015 के परमाणु समझौते से वह पीछे हट गए और व्यापक प्रतिबंध फिर से लगाए.
ईरान ने बढ़ाई अपनी ताकत
ट्रंप की धमकियों के बीच ईरान ने अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने का प्रयास तेज कर दिया है. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम शुक्रवार को ईरान ने उठाया, जब ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी संधि पर हस्ताक्षर हुए. इस समझौते के तहत ईरान और रूस ने आपसी सैन्य खतरों का मुकाबला करने और संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेने के साथ-साथ ‘सैन्य-तकनीकी सहयोग’ विकसित करने का वादा किया है.
ईरान की सेना में 1000 नए ड्रोन
इजरायल की ओर से भविष्य में संभावित हमलों से बचने के लिए भी ईरान के लिए अंडरग्राउंड बेस जरूरी है. इसके अलावा हाल ही में ईरान ने अपनी सेना में 1000 से ज्यादा नए ड्रोन शामिल किए. इनमें हाई स्टील्थ क्षमताएं हैं. इसके अलावा ईरान अपनी नौसेना को मजबूत करने के लिए एक नया युद्धपोत शामिल करने की योजना बना चुका है. पिछले सप्ताह ईरानी सेना के समन्वय के लिए उप प्रमुख रियर एडमिरल हबीबुल्लाह सय्यारी ने कहा कि नौसेना में जल्द ही अतिरिक्त उन्नत जहाज और फ्लाइट यूनिट शामिल किए जाएंगे.