फिलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य ने पार्सटुडे से बात करते हुए "ग़ज़ा की ख़रीद और उसके मालेकाना हक़" के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति के बयानों को बेकार और फिलिस्तीन और इलाक़े के बारे में गहरी जेहालत की निशानी क़रार दिया।
हमास के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य "इज़्ज़त अल-रश्क" ने इस बात पर जोर दिया कि ग़ज़ा कोई व्यावसायिक संपत्ति नहीं है जिसे खरीदा और बेचा जा सकता है, बल्कि यह मक़बूज़ा फिलिस्तीनी ज़मीन का एक अटूट हिस्सा है।
पार्सटुडे के अनुसार, उन्होंने आगे: एक रियल एस्टेट ब्रोकर की मानसिकता से फ़िलिस्तीनी मुद्दे से निपटना एक नाकाम कोशिश है। हमास आंदोलन के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य ने यह भी बताया कि फिलिस्तीनी राष्ट्र जबरन पलायन और विस्थापन की सभी योजनाओं को विफल कर देगा।
इज़्ज़त अल-रश्क ने जोर देकर कहा: ग़ज़ा इसके निवासियों का है और वे इसे कभी नहीं छोड़ेंगे, सिवाय 1948 में मक़बूज़ा वाले अपने कस्बों और गांवों में लौटेने के लिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने अपने ताज़ा बयान में दावा किया कि वह ग़ज़ापट्टी को खरीदने और उस पर मालेकाना क़ब्ज़ा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वे इसके कुछ हिस्सों को पुनर्निर्माण के लिए अन्य पश्चिम एशियाई देशों को दे सकते हैं।
हमास: "नत्सारीम" इलाक़े से हटना युद्ध के लक्ष्यों को प्राप्त करने में इस्राईल की नाकामी की तरफ़ इशारा है
उधर हमास के एक सीनियर नेता इस्माईल रिज़वान का कहना है कि: "नत्सारिम" मोर्चे से ज़ायोनी सैनिकों की वापसी, ग़ज़ा के खिलाफ युद्ध के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनकी विफलता की तरफ़ इशारा करती है। इस्माईल रिज़वान का कहना था: ग़ज़ा पट्टी को विभाजित करने और इसके उत्तर और दक्षिण को अलग करने की अतिग्रहणकारियों की योजनाएं विफल रही हैं। उन्होंने कहा: नेतन्याहू जो चीजें मैदाने जंग में खो चुके हैं, उन्हें बातचीत में कभी हासिल नहीं कर पाएंगे।
वेस्ट बैंक में ज़ायोनी सैनिकों की गोलीबारी में चार फ़िलिस्तीनी शहीद
ग़ज़ापट्टी के दक्षिण में "नेत्सारिम" मोर्चे से इज़राइली सैनिकों की वापसी के बावजूद, ज़ायोनी सैनिकों ने ख़ान यूनिस के पूरब और ग़ज़ा शहर के दक्षिण में गोलीबारी करके चार फिलिस्तीनियों को शहीद कर दिया। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि ख़ान यूनिस के पूर्व में अल-क़ारारा बस्ती में एक बुजुर्ग महिला इज़रायली सैनिकों की गोलियों का शिकार हो गई। ग़ज़ा शहर के दक्षिण में अल-ज़ैतून मोहल्ले के पूर्व में इजराइली सैनिकों ने तीन अन्य फ़िलिस्तीनियों की हत्या कर दी। फ़िलिस्तीनी अधिकारियों ने इस घटना को युद्धविराम का उल्लंघन बताया और घोषणा की कि इज़राइली सैनिकों ने फ़िलिस्तीनी नागरिकों के एक ग्रुप पर गोलीबारी की थी जो अल-कुवैत चौक के पूर्व में अपने घरों की ओर लौटने की कोशिश कर रहे थे।
इज़राइली सेना के हमले में सात फिलिस्तीनी पत्रकार शहीद
दूसरी ओर फिलिस्तीनी पत्रकार संघ ने बताया कि इस साल के पहले महीने में ग़ज़ा और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी मीडिया आउटलेट्स के खिलाफ हिंसा की "खतरनाक और निरंतर वृद्धि" देखी गई। इस संघ के बयान में कहा गया है कि क़ाब्ज़ि सेना ने सच्चाई छिपाने के स्पष्ट प्रयास के अंतर्गत सात फिलिस्तीनी पत्रकारों को शहीद कर दिया। संगठन का यह भी कहना है कि जनवरी में पत्रकारों पर हमले, गिरफ़्तारी और उनके पेशेवर कर्तव्यों में बाधा डालने के कई मामले दर्ज किए गए।