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Tuesday, 18 February 2025

ईरान और भारत की मुश्किल की वजह तीसरा पक्ष हैः इराक़ची

ईरान और भारत की मुश्किल की वजह तीसरा पक्ष हैः इराक़ची
           ईरान के विदेशमंत्री सैय्यद अब्बास इराक़ी
ईरान के विदेशमंत्री ने ओमान में Indian Ocean की बैठक से इतर एक भारतीय संचार माध्यम से वार्ता में कहा कि ईरान और भारत के बीच मौजूद समस्याओं का संबंध दोनों देशों से नहीं है और उसका कारण तीसरा पक्ष है।

पार्सटुडे ने न्यूज़ एजेन्सी तसनीम के हवाले से बताया है कि ईरान के विदेशमंत्री Indian Ocean की आठवीं बैठक में भाग लेने के लिए ओमान की यात्रा पर गये हैं। उन्होंने इस बैठक के अवसर पर भारतीय टीवी चैनल WION से वार्ता में चाबहार बंदरगाह और भारत के साथ संबंध के बारे में कहा कि चाबहार बंदरगाह के बारे में हमारा भारत के साथ 10 वर्षीय समझौता है हम जानते हैं कि इस संबंध में तीसरे पक्ष की ओर से सवाल किये गये हैं, हम जानते हैं कि भारतीय इस संबंध में अमेरिकियों से विचार- विमर्श कर रहे हैं। इस आधार पर हम फ़ैसला करने के अधिकार को अपने दोस्तों पर छोड़ते हैं।

ईरान के विदेशमंत्री ने कहा कि जहां तक मुझसे संबंधित है, चाबहार बंदरगाह बहुत महत्वपूर्ण है और यह भारत को ईरान, सेंट्रल एशिया और दूसरे क्षेत्रों से जोड़ देगी और हम दोनों के लिए यह बंदरगाह स्ट्रैटेजिक महत्व रखती है।  

दोनों पक्षों में विशेषकर चाबहार बंदरगाह में सहयोग के लिए संकल्प व इरादा मौजूद है, 10 वर्षों का सहयोग मौजूद है। इस आधार पर हमें यह देखना चाहिये कि हम किस तरह इस मुश्किल का मुक़ाबला करते हैं।

विदेशमंत्री सैय्यद अब्बास इराक़ची ने ईरान और भारत के संबंधों के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि ईरान और भारत के बीच बहुत अच्छे एतिहासिक संबंध हैं और एशिया की दो सभ्यताओं के रूप में हम हमेशा एक दूसरे से संपर्क में रहे हैं और यथावत इस कार्य को जारी रखेंगे और हम भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब ईरान और भारत के मध्य बहुत अच्छा व्यापार था। उतार- चढ़ाव के बावजूद संबंधों को मज़बूत बनाने हेतु दोनों पक्षों में इरादे मौजूद हैं और हम इन संबंधों को जारी रखेंगे।

विदेशमंत्री ने कहा कि ईरान और भारत के बीच मौजूद समस्या का संबंध इन देशों से नहीं है बल्कि इन मुश्किलों व समस्याओं का कारण तीसरा पक्ष है। हम हमेशा इस कोशिश में रहे हैं कि किस प्रकार इन मुश्किलों का मुक़ाबला करें और किस प्रकार ईरान और भारत के बीच अच्छे संबंध क़ायम रहें।  

विदेशमंत्री से जब यह पूछा गया कि लोगों के साथ संबंधों में किस प्रकार वृद्धि करेंगे और राष्ट्रीय मुद्रा में व्यापार के संबंध में क्या नीति है? तो उन्होंने कहा कि लोगों के साथ लोगों का संबंध हमेशा रहा है। प्रतिबंध के कारण दूसरे देशों के साथ राष्ट्रीय मुद्रा में और वस्तुओं के आदान- प्रदान का सिस्टम मौजूद है। मैं समझता हूं कि अवसर से लाभ उठाने के लिए भारत के साथ भी यह सिस्टम मौजूद है। यह निजी क्षेत्र पर निर्भर है कि वह इस संबंध में किस प्रकार व्यवहार करता है।

विदेशमंत्री से इसी प्रकार यमन में भारतीय नागरिक की रिहाई के संबंध में ईरान की मदद के संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम उस महिला और दूसरे बहुत से लोगों के अंजाम के बारे में यमन में अपने दोस्तों से संपर्क में हैं। इस समय मैं ओमान में हूं और सोमवार को अपने यमनी दोस्तों से मुलाक़ात करूंगा कि किस तरह इस संबंध में हम सहायता कर सकते हैं। MM