इसराइली सेना ने कहा है कि पिछले महीने ग़ज़ा में इमरजेंसी सेवा के 14 चिकित्सकों की मौत "ग़लतफहमी" की वजह से हुई थी.
इस घटना की जांच के दौरान इसराइली सेना (आईडीएफ) ने कई खामियां पाईं.
सेना ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि संबंधित यूनिट के डिप्टी कमांडर को "पूछताछ के दौरान अधूरी और ग़लत रिपोर्ट देने के कारण" बर्खास्त कर दिया गया है.
23 मार्च यानी पिछले महीने फ़लस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी (पीआरसीएस) के एम्बुलेंस के काफिले, जिसमें संयुक्त राष्ट्र की एक कार और एक दमकल ट्रक भी शामिल था, उस पर इसराइली सेना की गोलीबारी हुई ती.
इस घटना में इमरजेंसी सेवा के 14 कर्मचारियों और यूएन के एक कर्मचारी की मौत हो गई थी.
इसराइल ने पहले ये दावा किया था कि यह काफिला हेडलाइट या फ्लैश लाइट के बिना अंधेरे में "संदिग्ध रूप से" आगे बढ़ रहा था, इसलिए इसराइली सैनिकों ने इस पर गोलीबारी की.
कहा गया था कि इन वाहनों की आवाजाही के पहले सेना को जानकारी नहीं दी गई थी या इसके लिए सेना के साथ सहमति नहीं हुई थी.
इसके कुछ दिनों बाद इसराइल की सेना ने स्वीकार किया कि 23 मार्च को दक्षिणी ग़ज़ा में आपातकालीन सेवा के 15 कर्मचारियों की मौत के मामले में उनके सैनिकों से ग़लती हुई है.
इस घटना के बारे में पूरी जानकारी मारे गए पैरामेडिक्स में से एक के मोबाइल फ़ोन से रिकॉर्ड की गई वीडियो फुटेज से पता चला था.