इराक़ के स्वयं सेवी बल असाएब अहले अल-हक मूवमेंट के महासचिव ने कहा कि सीरियाई सरकार के वर्तमान प्रमुख अल-जूलानी की इराक़ में मौजूदगी की वजह से क़ानून लागू करने में मदद मिलेगी और उनकी गिरफ्तारी का कारण बन सकती है क्योंकि इराक़ी न्यायपालिका ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारेंट जारी किया है।
नई सीरियाई सरकार के प्रमुख, अहमद अल-शरा, ऊर्फ़ अल-जुलानी को हाल ही में इराक में आतंकवादी गुटों अल-कायदा, आईएसआईएस और नुस्रा फ्रंट की सदस्यता, आतंकवादी गुट तहरीर अल-शाम की स्थापना और बड़े अपराधों के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी।
हाल ही में, इराक़ के प्रधानमंत्री मुहम्मद शिया अल-सुदानी ने अल-जूलानी को 17 मई को अरब लीग शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बगदाद के दौरे का निमंत्रण दिया। इस निमंत्रण से इराक में जनता और विभिन्न ग्रुप्स में विरोध भड़क उठा है।
बग़दाद अल-यौम समाचार वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, इराक़ के स्वयं सेवी बल असाएब अहले हक़ आंदोलन के महासचिव क़ैस अल-खज़अली ने एलान किया: इराक़ और सीरिया के बीच संबंध आवश्यक हैं और उनमें समान हित शामिल हैं, लेकिन साथ ही, इस स्तर पर इराक़ में सीरियाई सरकार के वर्तमान प्रमुख की उपस्थिति "समय से पहले" है।
क़ैस अल-खज़अली ने सभी लोगों से इराक़ी न्यायपालिका के फ़ैसलों का पालन करने और शक्तियों को अलग करने के सिद्धांत का सम्मान करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा इस मामले में सतर्क नज़रिया अपनाने का आह्वान किया, ताकि इराक की राष्ट्रीय संप्रभुता सुरक्षित रहे और देश की कानूनी संस्थाओं का सम्मान बना रहे।
ये बयान ऐसे समय में सामने आया है कि जब क़तर की मध्यस्थता से इराक़ी प्रधानमंत्री मुहम्मद शीया अल-सुदानी और नई सीरियाई सरकार के प्रमुख अहमद अल-शरा के बीच बैठक के बाद बगदाद और दमिश्क के बीच संबंध एक नए चरण में प्रवेश कर गए हैं।
इस बैठक में अल-शरा और अल-सुदानी ने दोनों देशों की संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान करने तथा किसी भी विदेशी हस्तक्षेप का विरोध करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि सीरिया और इराक की सुरक्षा और स्थिरता क्षेत्रीय सुरक्षा की नींव है।
इस मुलाक़ात में संयुक्त सीमाओं की सुरक्षा पर चर्चा की गई तथा साझा खतरों और संकटों से निपटने के उद्देश्य से क्षेत्रीय और खुफिया कोआरडीनेश्न को मज़बूत करने पर सहमति व्यक्त की गई।
आर्थिक क्षेत्र में, अहमद अल-शरा और अल-सुदानी ने व्यापार संबंधों को सक्रिय करने, संयुक्त सीमा चौकियों के माध्यम से माल और जनता के आवागमन को सुविधाजनक बनाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और दोनों देशों के सामरिक हितों के अनुरूप ऊर्जा, परिवहन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सहयोग के नए क्षितिज खोलने के तरीकों पर भी चर्चा की। (AK)