विभिन्न देशों के कई सार्वजनिक और प्राइवेट सेन्टर्ज़ ने इज़राइली पासपोर्ट धारकों को निकाल बाहर करने का फ़ैसला कर लिया है।
पार्सटुडे के अनुसार, ऐसा लगता है कि बच्चों की हत्या करने वाली इज़राइली सरकार के पासपोर्ट धारक और यहां तक कि उसके राजदूत भी इन दिनों अनवांटेड सेलिब्रिटी बन गए हैं, और जहां भी वे क़दम रखते हैं, लोग फिलिस्तीनी झंडों के साथ उनका स्वागत करते हैं! ऐसा लगता है जैसे "World Tour of Shame" शुरू हो गई है: दक्षिण कोरियाई रेस्तरां से लेकर ग्रीक कैफ़े तक!
एशिया/ दक्षिण कोरिया: प्लीज़ अपने खाने अपराधियों न परोसें!
इस हफ़्ते, सियोल में कई कोरियाई नागरिक इज़राइली राजदूत को देखकर काफी परेशान हो गए और बोले, "एम्बेस्डर सर, यहां आदमख़ोरों के लिए कोई जगह नहीं है! प्लीज़ गो वे और क़त्लेआम के साथ नाश्ता मत खाइए!" और वे उसे फिलिस्तीनी झंडे के साथ दरवाजे तक ले गए।
यूरोप/ ग्रीस: इज़राइली सैनिकों को नो इंट्री! क्या आप चाहते हैं कि ग्राहक भाग जाएं?
एथेंस के एक कैफ़े में एक पोस्टर लगा है जिस पर लिखा है: इज़राइली सैनिक युद्ध अपराधी हैं, उनका प्रवेश वर्जित है! दिलचस्प बात यह है कि इज़राइलियों को लगता था कि एथेंस सिर्फ़ ग्रीक सैंडविच और प्राचीन मूर्तियों के साथ सेल्फी के लिए है, लेकिन ग्रीक लोगों ने साबित कर दिया कि उनकी ऐतिहासिक याददाश्त इससे बेहतर है, वे अभी भी नाजी युग के "कब्ज़ाधारियों" को याद करते हैं! हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सभी इज़राइली, सैनिक हैं।
अफ़्रीक़ा/ अफ्रीकी संघ: हमारे यहां बच्चों के हत्यारों के लिए कोई जगह नहीं है!
लोगों को बेहतर महसूस कराने वाली ऐसी अनेक घटनाएं दुनिया भर में घटित हो चुकी हैं और हो रही हैं। इससे पहले, इथियोपिया में इज़राइल के राजदूत ने सोचा था कि वह अफ्रीकी संघ में "शांति और मित्रता" के बारे में भाषण दे सकते हैं, लेकिन अचानक उन्होंने ख़ुद को दरवाजे के बाहर पाया! ज़ाहिर है, अफ्रीकी देश यह नहीं भूले हैं कि इज़राइल किस तरह ग़ज़ा में बच्चों के सिर के साथ फुटबॉल खेलता है!
लैटिन अमेरिका/पनामा: विश्वविद्यालय मानवता सिखाने की जगह है, अपराध को बढ़ावा देने की नहीं!
हज़ारों में से एक और उदाहरण, जब पनामा का राष्ट्रीय विश्वविद्यालय "मेहमान नवाज़ों" की श्रेणी में शामिल हो गया और उसने एक ही पल में इज़राइली राजदूत को बाहर का रास्ता निकाल दिया।
यह स्पष्ट है कि अमेरिका के घर आंगन में भी लोग युद्ध अपराधियों को अपने घरों का रास्ता देने को तैयार नहीं हैं। दुनिया जाग रही है! इन दिनों इज़राइल उस बिन बुलाए मेहमान की तरह हो गया है जिससे हर कोई अपना पल्ला छुड़ाना चाहता है।
कोरिया से लेकर ग्रीस तक, अफ्रीका से लेकर लैटिन अमेरिका तक, दुनिया भर में लोग गला फाड़ फाड़कर चिल्ला रहे हैं: "दुनिया में बच्चों के हत्यारों के लिए कोई जगह नहीं है! और इस कहानी की कड़वी हक़ीक़त यह है कि इज़राइल अब भी यही सोचता है कि समस्या "ज़ायोनी-विरोधी प्रोपेगैंडा" है, न कि निर्दोष बच्चों की हत्या! गंभीरता से, इन ज़ायोनियों को कब एहसास होगा कि दुनिया अब "मीडिया द्वारा संचालित नरसंहार" को बर्दाश्त नहीं कर सकती? शायद तब जब इसके आखिरी राजदूत को दुनिया के आख़िरी कैफ़े से बाहर निकाल दिया गया था! और अंततः, इस शासन को दुनिया से ख़त्म कर दिया गया। (AK)