मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी से संबंधित विवादित बयान पर हाईकोर्ट ने 14 मई को स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डिविजन बेंच ने बुधवार को राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह के माध्यम से सरकार को निर्देश दिए कि देरी न करते हुए जल्द ही मंत्री विजय शाह के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए.
हाईकोर्ट ने राज्य के डीजीपी को इस मामले पर जल्द करवाई के निर्देश के साथ यह भी कहा, "मंत्री विजय शाह का यह बयान सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है."
कांग्रेस नेता अरुण यादव ने भी इस मामले में एक्स पर पोस्ट किया.
उन्होंने लिखा, "सरकार तत्काल मंत्री विजय शाह के ख़िलाफ़ एफ़आईआर कर उन्हें पार्टी से बाहर करे. प्रथम दृष्टया में माननीय उच्च न्यायालय ने मंत्री विजय शाह के भारतीय सेना और राष्ट्रधर्म निभाने वाली भारतीय बेटी कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी जी को लेकर दिए गए बयान को सेना के अपमान, उसकी अस्मिता और मनोबल को गिराने वाला माना है."
वहीं राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने बीबीसी से कहा, "हम कोर्ट के लिखित ऑर्डर आने का इंतजार कर रहे हैं, इसके बाद ही इस मामले में कुछ कह पाएंगे."
मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने क्या कहा था?
बीजेपी नेता और मंत्री विजय शाह रविवार को इंदौर जिले के महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उनके इस संबोधन का एक वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया में वायरल हो गया था.
जिसमें उन्होंने कथित तौर पर भारतीय सेना की पहली महिला इंफेंट्री अधिकारी, कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी, को "आतंकवादियों की बहन" बताया.
इस वीडियो में मंत्री शाह को कहते हुए सुना जा सकता है कि "प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए उनकी समाज की बहन को भेजा है."
वीडियो के वायरल होने के बाद न सिर्फ़ मध्य प्रदेश, बल्कि देशभर में शाह के ख़िलाफ़ काफ़ी लोगों ने विरोध व्यक्त किया है.
विपक्षी कांग्रेस ने उनके बयान को अस्वीकार्य और भड़काऊ बताते हुए बीजेपी से विजय शाह को बाहर का रास्ता दिखाए जाने की मांग की है.