4 मई को यमनी सेना द्वारा तेल अवीव के बेन गुरियन हवाई अड्डे की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दाग़ा गया था जिसके परिणामों का सामना अब भी ज़ायोनी शासन को है।
विश्व पर्यटन और यात्रा समाचार की विशेषज्ञ वेबसाइट "ट्रैवल एंड टूर वर्ल्ड" (Travel and Tour World) ने एक रिपोर्ट में लिखा कि हालाँकि यमनी मिसाइल सीधे हवाई अड्डे से नहीं टकराई, लेकिन इसने विमानन जगत को हिला कर रख दिया और उड़ानों को अचानक रोक दिया गया।
पार्स टुडे ने न्यूज़ एजेन्सी इसना (ISNA) के हवाले से बताया कि इस वेबसाइट ने यमनी हमले को एक गंभीर चेतावनी बताया और इसके प्रभाव को तत्काल स्वीकार किया इस हद तक कि विमानन कंपनियाँ पीछे हट गईं, भारी अव्यवस्था उत्पन्न हो गई और ज़ायोनी नागरिकों को वापसी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यमन द्वारा बेन गुरियन हवाई अड्डे पर किए गए हमले ने ग्रीष्मकालीन मौसम को एक व्यापक अराजकता में बदल दिया है और विदेशी विमानन कंपनियों की अनुपस्थिति ने ज़ायोनियों पर गहरा प्रभाव डाला है, क्योंकि टिकटों की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है और सीटों की उपलब्धता में भारी गिरावट आई है।
इस वेबसाइट ने रिपोर्ट किया है कि 4 मई से, जब यमनी मिसाइल बेन गुरियन हवाई अड्डे के आसपास गिरी, अधिकांश विदेशी विमानन कंपनियों ने अतिग्रहित क्षेत्रों के लिए अपनी उड़ानें निलंबित कर दी हैं। इस हमले ने नागरिक हवाई ढांचे में वास्तविक कमज़ोरियों को उजागर कर दिया और हजारों ज़ायोनियों की यात्रा को बाधित कर दिया।
वेबसाइट के अनुसार, इस हमले का प्रभाव तत्काल हुआ; विमानन कंपनियों ने पीछे हटना शुरू कर दिया और उड़ानों के रद्द होने की लहर के चलते यूरोप और पश्चिम एशिया के कई उड़ान मार्ग अचानक गायब हो गए।
प्रमुख विमानन कंपनियाँ - जैसे रायनएयर (Ryanair) ब्रिटिश एयरवेज़ (British Airways) और लुफ्थांसा समूह से संबद्ध कुछ कंपनियाँ जैसे स्विस इंटरनेशनल एयरलाइंस, ब्रसल्स एयरलाइंस और यूरोविंग्स ने अपनी सेवाओं के निलंबन को जून के अंत और जुलाई तक बढ़ा दिया है।
फ्रांसीसी एयरलाइंस, इबेरिया, ईज़ीजेट और ट्रांसअविया की उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा, लातविया की एयरलाइन 'एयर बाल्टिक' ने भी फ़िलिस्तीन के अतिग्रहित क्षेत्रों के लिए अपनी सभी उड़ानें पूरी तरह से रोक दी है।
इस स्थिति का परिणाम गंभीर अव्यवस्था के रूप में सामने आया है। छुट्टियां मनाने आए पर्यटकों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दीं और बाहर गए ज़ायोनी असमंजस में फंस गए, जिन्हें वापस लौटने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वेबसाइट के अनुसार गर्मियों का यात्रा मौसम, जो सामान्यतः सबसे अधिक सक्रिय और व्यस्त होता है, अचानक एक व्यापक अराजकता में बदल गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ज़ायोनी कंपनियों ने इस स्थिति का दुरुपयोग करते हुए यात्रा टिकटों की क़ीमतें काफ़ी हद तक बढ़ा दी हैं जिससे ज़ायोनियों को नुकसान हुआ है। विदेशी विमानन कंपनियों की अनुपस्थिति के कारण इज़राइली एयरलाइन "एल आल" (El Al) को विशेष रूप से तेल अवीव और न्यूयॉर्क के बीच प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर लगभग एकाधिकार प्राप्त हो गया है, जिससे उपभोक्ताओं पर गंभीर असर पड़ा है। एयरलाइनों की संख्या कम होने से टिकटों की कीमतों में तेज़ी से वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट आगे बताती है कि यात्रियों के पास उपलब्ध विकल्पों में कमी आई है और "एल आल" की इस एकाधिकारवादी स्थिति ने टिकट दरों में बेकाबू वृद्धि को जन्म दिया है जिससे छुट्टियों पर जाने वाले पर्यटकों के साथ-साथ वे लोग भी प्रभावित हुए हैं जिन्हें तत्काल पारिवारिक या व्यावसायिक कारणों से यात्रा करनी होती है।
इस वेबसाइट का कहना है कि यमन के मिसाइल और ड्रोन हमलों के कारण ज़ायोनी शासन का हवाई क्षेत्र पूर्ण सतर्कता की स्थिति में आ गया है और इस स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को फ़िलिस्तीन के अतिग्रहित क्षेत्रों की ओर उड़ान भरने को लेकर चिंतित कर दिया है।
यमनी सेना ने हाल के महीनों में, ग़ज़ा पट्टी में पीड़ित फ़िलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध का समर्थन करते हुए इस्राइली शासन की समुद्री नाकेबंदी करने के साथ-साथ इज़राइली सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं।
यमन की सेना ने संकल्प लिया है कि जब तक ज़ायोनी शासन ग़ज़ा पर अपने हमले बंद नहीं करता, तब तक वह इज़राइल द्वारा अतिग्रहित समस्त क्षेत्रों की घेराबंदी और हमलों को जारी रखेगी। mm