क़तर में अमेरिकी सैन्य अड्डे अल-उदेद एयर बेस पर ईरान के मिसाइल हमले के बाद पड़ोसी देश बहरीन में तनाव बढ़ गया है। बहरीन के गृह मंत्रालय ने देश में सायरन बजाकर नागरिकों को सतर्क किया और उन्हें तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। यह कदम क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता और क़तर में हुए हमले के बाद उठाया गया, जिसने मध्य-पूर्व में युद्ध के हालात को और गंभीर कर दिया है।
बहरीन में सायरन और सुरक्षा निर्देश
बहरीन के गृह मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई पोस्ट के माध्यम से नागरिकों से अपील की कि वे किसी इमारत या बंद सुरक्षित स्थान में शरण लें। मंत्रालय ने कहा, "सायरन बज चुके हैं। नागरिकों और निवासियों से अनुरोध है कि वे शांत रहें और निकटतम सुरक्षित स्थान पर जाएं।" लोगों से तब तक ऐसी जगहों पर रहने को कहा गया है जब तक खतरा पूरी तरह टल नहीं जाता। साथ ही, मंत्रालय ने तेज धमाकों की स्थिति में अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी। बहरीन ने इस तनावपूर्ण स्थिति के चलते अपने हवाई क्षेत्र को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
क़तर में अल-उदेद एयर बेस पर हमला
ईरान ने 23 जून 2025 को क़तर के अल-उदेद एयर बेस पर मिसाइल हमला किया, जो मध्य-पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के जवाब में था। क़तर के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने ईरानी मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोक लिया और कोई हताहत नहीं हुआ। क़तर ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया और जवाबी कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित रखने की बात कही।
क्षेत्रीय तनाव और वैश्विक चिंता
ईरान के हमले के बाद क़तर की राजधानी दोहा के आसमान में रोशनी और धमाकों की आवाजें सुनाई दीं, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया। बहरीन, जो अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेड़े का मुख्यालय है, ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात ने भी अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं। इस हमले को ईरान ने "ऑपरेशन बशारत अल-फतह" नाम दिया और दावा किया कि यह अमेरिकी हमलों के जवाब में एक प्रतीकात्मक कार्रवाई थी।
अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की कि अल-उदेद एयर बेस पर छोटी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला हुआ, लेकिन कोई अमेरिकी हताहत नहीं हुआ। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन स्थिति पर नजर रख रहे हैं। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और जॉर्डन ने ईरान के हमले की निंदा की और क़तर के साथ एकजुटता व्यक्त की।
डी-एस्केलेशन की संभावना
रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने हमले से पहले क़तर और अमेरिका को चेतावनी दी थी, ताकि हताहतों को कम किया जा सके। ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने कहा कि हमले में उतनी ही मिसाइलें इस्तेमाल की गईं, जितने बम अमेरिका ने ईरान पर गिराए थे, जिसे डी-एस्केलेशन की इच्छा के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, क्षेत्र में तनाव चरम पर है और वैश्विक समुदाय इस स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है।