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Friday, 27 June 2025

ट्रंप की ईरान हमले की हिरोशिमा-नागासाकी तुलना पर जापान में उबाल, विरोध प्रदर्शन

ट्रंप की ईरान हमले की हिरोशिमा-नागासाकी तुलना पर जापान में उबाल, विरोध प्रदर्शन
टोक्यो: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में ईरान पर किए गए हमलों की तुलना 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमलों से करने पर जापान में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। ट्रंप के इस बयान की जापान सरकार और नागरिकों ने कड़ी निंदा की है, इसे असंवेदनशील और अनुचित करार दिया है।

ट्रंप ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, "उस (ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी) हमले ने युद्ध ख़त्म कर दिया। मैं हिरोशिमा और नागासाकी का उदाहरण नहीं देना चाहता, लेकिन वह मूल रूप से एक जैसा था।" इस बयान ने जापान में गुस्से की लहर पैदा कर दी, जहां अगस्त 1945 में अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बमों में करीब 1,40,000 लोग मारे गए थे। इन हमलों के बाद बचे लोग आज भी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक पीड़ा से जूझ रहे हैं, जिसमें कैंसर का बढ़ता जोखिम भी शामिल है।

नागासाकी के मेयर शिरो सुज़ुकी ने ट्रंप के बयान पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा, "अगर ट्रंप की टिप्पणी परमाणु बम गिराए जाने को उचित ठहराती है, तो यह हमारे लिए अत्यंत खेदजनक और अस्वीकार्य है।" उन्होंने इस बयान को पीड़ितों और बचे लोगों के प्रति असंवेदनशील बताया।

गुरुवार को हिरोशिमा में परमाणु बम हमले में बचे लोगों और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप से अपने बयान को वापस लेने और माफी मांगने की मांग की। एक प्रदर्शनकारी, जो स्वयं हिरोशिमा हमले में बचे थे, ने कहा, "यह तुलना हमारी पीड़ा का मज़ाक उड़ाती है। परमाणु हमले की भयावहता को इस तरह हल्के में नहीं लिया जा सकता।"

जापान सरकार ने भी इस मामले पर अपनी चिंता जाहिर की है। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु हमले मानवता के लिए एक त्रासदी थे, और उनकी तुलना किसी भी आधुनिक सैन्य कार्रवाई से करना अनुचित है।

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब हाल ही में ईरान और इसराइल के बीच 12 दिनों तक चले तनावपूर्ण युद्ध को ट्रंप की घोषणा के बाद समाप्त किया गया। ट्रंप ने दावा किया कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी कार्रवाई ने क्षेत्र में शांति स्थापित की, लेकिन उनकी इस तुलना ने वैश्विक स्तर पर बहस छेड़ दी है।