ईरान ने हाल ही में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को कड़ी चेतावनी जारी की है कि यदि ये देश इजरायल का समर्थन करते हैं या ईरान के हमलों को रोकने की कोशिश करते हैं, तो उनके मध्य पूर्व में मौजूद सैन्य ठिकानों और हितों को निशाना बनाया जाएगा। यह चेतावनी इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के जवाब में आई है।
चेतावनी के पीछे का कारण
इजरायल ने 13 जून 2025 को ईरान के परमाणु सुविधाओं, मिसाइल कारखानों और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। ईरानी सरकारी मीडिया के अनुसार, इन हमलों में तेहरान के एक आवासीय परिसर में 60 लोग मारे गए, जिनमें 20 बच्चे शामिल थे। इसके जवाब में ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमले शुरू किए, जिसके बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
ईरान का कहना है कि यदि अमेरिका, फ्रांस या ब्रिटेन जैसे देश इजरायल की रक्षा में हस्तक्षेप करते हैं, तो ईरानी सेना क्षेत्र में उनके सैन्य ठिकानों, जहाजों और अन्य हितों पर हमला करेगी। ईरान के रक्षा मंत्री अजीज नसीरजादेह ने पहले भी कहा था कि परमाणु वार्ता विफल होने या सैन्य कार्रवाई की स्थिति में अमेरिकी ठिकाने उनके निशाने पर होंगे।
परमाणु वार्ता और तनाव
यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत रुकी हुई है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने हाल ही में ईरान को अपने परमाणु दायित्वों का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया, जिसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। ईरान ने इसे भड़काऊ कदम बताते हुए अपनी परमाणु गतिविधियों को और बढ़ाने की धमकी दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह परमाणु समझौते पर सहमत नहीं होता, तो और गंभीर सैन्य कार्रवाइयां हो सकती हैं। दूसरी ओर, ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, और वह अपनी संप्रभुता पर किसी भी हमले का जवाब देगा।
क्षेत्रीय प्रभाव
ईरान की इस चेतावनी ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। इराक, जॉर्डन और ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं, जबकि ब्रिटेन की समुद्री एजेंसी ने फारस की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य में जहाजों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। तेल की कीमतों में भी उछाल देखा गया है, क्योंकि क्षेत्र में अस्थिरता से वैश्विक तेल आपूर्ति प्रभावित होने का डर है।
निष्कर्ष
ईरान की चेतावनी इजरायल के हालिया हमलों और परमाणु वार्ता में गतिरोध का परिणाम है। यह क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों के बीच बढ़ते टकराव को दर्शाती है। अगर पश्चिमी देश इजरायल का समर्थन करते हैं, तो मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ सकती है। फिलहाल, वैश्विक समुदाय इस तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों पर ध्यान दे रहा है।