भुवनेश्वर, ओडिशा: ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज की एक 20 वर्षीय छात्रा की आत्मदाह के बाद हुई मौत ने राज्य में राजनीतिक उबाल ला दिया है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटना को "बीजेपी के सिस्टम द्वारा संगठित हत्या" करार देते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर "ओछी राजनीति" करने का आरोप लगाया है।
राहुल गांधी का आरोप: 'यह आत्महत्या नहीं, संगठित हत्या है'
राहुल गांधी ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ओडिशा में इंसाफ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत, सीधे-सीधे बीजेपी के सिस्टम द्वारा की गई हत्या है। उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन न्याय देने के बजाय, उसे धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया, बार-बार अपमानित किया गया। जिन्हें उसकी रक्षा करनी थी, वही उसे तोड़ते रहे।" उन्होंने दावा किया कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि "सिस्टम द्वारा संगठित हत्या" है। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर, देश की बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं, मर रही हैं। और आप? खामोश बने बैठे हैं। देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए। भारत की बेटियों को सुरक्षा और न्याय चाहिए।"
धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार: 'राहुल की ओछी राजनीति'
राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री और ओडिशा से बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, "ओडिशा की बेटी से जुड़ी दुखद घटना पर राहुल गांधी और कांग्रेस द्वारा की जा रही ओछी राजनीति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। एक गंभीर और संवेदनशील मामले को राजनीतिक हथियार बनाना, राहुल गांधी की सस्ती मानसिकता को दर्शाता है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी हमेशा महिलाओं की सुरक्षा और न्याय के लिए काम करते रहे हैं, और इस मामले में ओडिशा सरकार पीड़ित परिवार के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। प्रधान ने राहुल से उनके बयान के लिए माफी मांगने की मांग की।
छात्रा की आत्मदाह की घटना
बालासोर के फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज की एक द्वितीय वर्ष की बी.एड. छात्रा ने 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में आत्मदाह का प्रयास किया था। उसने अपने विभागाध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और कॉलेज प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने के कारण उसने यह कठोर कदम उठाया। गंभीर हालत में उसे बालासोर जिला मुख्यालय अस्पताल से भुवनेश्वर के एम्स में भर्ती किया गया, जहां 14 जुलाई की रात 11:46 बजे 95% जलने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
परिवार और विपक्ष का आरोप
छात्रा के परिवार ने आरोप लगाया कि कई महीनों से उसके साथ यौन उत्पीड़न हो रहा था और उसने कॉलेज प्रशासन, स्थानीय विधायक, सांसद, और उच्च शिक्षा मंत्री तक से मदद मांगी थी, लेकिन उसकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। बीजू जनता दल (बीजद) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस घटना को "संस्थागत विश्वासघात" करार देते हुए कहा कि यदि एक भी व्यक्ति ने हस्तक्षेप किया होता, तो छात्रा की जान बच सकती थी।
पुलिस की कार्रवाई
ओडिशा पुलिस ने इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। अभियुक्त विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया गया है, और कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष को भी सोमवार को निलंबित कर गिरफ्तार किया गया।
विपक्ष का विरोध और ओडिशा बंद
कांग्रेस और सात अन्य विपक्षी दलों ने इस घटना के खिलाफ 17 जुलाई को 'ओडिशा बंद' का आह्वान किया है, जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री के इस्तीफे और न्यायिक जांच की मांग की गई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एम्स भुवनेश्वर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
यह घटना ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है। राहुल गांधी और विपक्ष ने इसे व्यवस्थागत विफलता का परिणाम बताया है, जबकि बीजेपी ने इसे राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है। इस बीच, पीड़ित परिवार और जनता न्याय की मांग कर रही है, और इस मामले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया है।