भरूच: डेडियापाडा के आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा को प्रांत कार्यालय में मारपीट के मामले में जमानत नहीं मिली, जिसके बाद अब वे हाईकोर्ट का रुख करेंगे। 5 जुलाई से जेल में बंद चैतर वसावा की जमानत याचिका जिला कोर्ट ने खारिज कर दी। सरकारी वकील ने उनके पुराने मामलों का हवाला देकर जमानत का विरोध किया। जिला कोर्ट में ऑनलाइन जमानत याचिका प्रक्रिया के दौरान कागजात समय पर नहीं पहुंचने के कारण याचिका दाखिल नहीं हो सकी। नर्मदा जिले के डेडियापाडा में आप विधायक चैतर वसावा और भाजपा शासित तालुका पंचायत के अध्यक्ष संजय वसावा के बीच 5 जुलाई को आदिवासी विकास कार्यालय की समन्वय बैठक के दौरान तीखी बहस के बाद मारपीट की घटना हुई थी। इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद चैतर वसावा की गिरफ्तारी हुई। इस दौरान पुलिस और उनके समर्थकों के बीच भी झड़प हुई थी।
विवादों से भरा रहा है चैतर का इतिहास
चैतर वसावा अपने आक्रामक स्वभाव के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। उनके खिलाफ कई विवादास्पद मामले दर्ज हैं: -
पुलिस के साथ झड़प और ड्यूटी में बाधा
चैतर वसावा पर पुलिस की ड्यूटी में बाधा डालने और दूसरों की जान को खतरे में डालने के आरोप में कई शिकायतें दर्ज हैं। वे पहले भी पुलिसकर्मियों का अपमान करने और सार्वजनिक रूप से उनसे बहस करने के लिए चर्चा में रहे हैं। -
औद्योगिक इकाई में अवैध प्रवेश
: भरूच जिले के अंकलेश्वर जीआईडीसी में बॉयलर ब्लास्ट के बाद चार मजदूरों की मौत हो गई थी। इसके बाद चैतर वसावा पर अपने समर्थकों के साथ औद्योगिक इकाई में अनधिकृत प्रवेश, अधिकारियों को ड्यूटी करने से रोकने और मजदूरों के रिश्तेदारों को उकसाने का आरोप लगा। इस मामले में भी उनकी गिरफ्तारी हुई थी। -
वन अधिकारी पर हमला और उगाही
चैतर वसावा पर वन अधिकारी को धमकाने, हवा में गोली चलाने और उगाही का आरोप लगा। इस मामले में वे लगभग छह सप्ताह जेल में रहे। -
होटल मैनेजर पर हमला
सितंबर 2024 में डेडियापाडा में चैतर वसावा और उनके 20 समर्थकों पर होटल मैनेजर पर हमला करने, उपद्रव मचाने और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज हुआ, जब उन्हें रेस्तरां का बिल चुकाने के लिए कहा गया था। चैतर वसावा का आक्रामक रवैया उन्हें लगातार सुर्खियों में रखता है। अब हाईकोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सबकी नजरें टिकी हैं।