राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह पिपलोदी सरकारी उच्च प्राथमिक स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई और 28 अन्य घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 7:45 बजे हुआ, जब बच्चे प्रार्थना सभा के लिए एकत्रित थे। पुलिस थाना मनोहर थाना के प्रभारी नन्द किशोर ने बताया, "हादसे में सात बच्चों की मौत हुई है। चार शव मनोहर थाना के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर और तीन शव झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल की मोर्चरी में रखे गए हैं।" स्थानीय पत्रकार अनीस आलम के अनुसार, शवों का पोस्टमार्टम अभी तक नहीं हुआ है, क्योंकि परिजन मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। प्रशासन उन्हें समझाने की कोशिश कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, स्कूल की इमारत पुरानी और जर्जर थी, और भारी बारिश के कारण छत कमजोर हो गई थी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन को इमारत की स्थिति के बारे में पहले से चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एक स्थानीय निवासी बालकिशन ने कहा, "यह प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ।" झालावाड़ अस्पताल में 11 गंभीर रूप से घायल बच्चों का इलाज चल रहा है, जिनमें से तीन वेंटिलेटर पर हैं। दो बच्चों को विशेष उपचार के लिए उच्च चिकित्सा केंद्र भेजा गया है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पांच शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जिला कलेक्टर और शिक्षा अधिकारी को घायल बच्चों के इलाज की पूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना पर दुख जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को घायलों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने झालावाड़-मनोहर थाना मार्ग को जाम कर दिया, मुआवजे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। जिला कलेक्टर अजय सिंह ने कहा, "हाल की सर्वे में इस स्कूल की इमारत को असुरक्षित नहीं बताया गया था। फिर भी, इसकी विस्तृत जांच होगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
झालावाड़ स्कूल हादसा: सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत, परिजनों का मुआवजे के लिए प्रदर्शन