राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से तीन बच्चों की दुखद मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें शिक्षक भी शामिल हैं। हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच शिक्षकों को निलंबित कर दिया, लेकिन किसी भी मंत्री के इस्तीफे की मांग या पेशकश नहीं हुई, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है। जिला शिक्षा अधिकारी नरसी मीणा ने निलंबन आदेश जारी करते हुए कहा कि शिक्षकों की लापरवाही की जांच की जा रही है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, "यह बेहद दुखद घटना है। मौके पर तीन बच्चों की मौत हुई। जिला कलेक्टर और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तुरंत मौके पर भेजा गया है। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, और इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी।" हादसा सुबह करीब 7:45 बजे हुआ, जब बच्चे प्रार्थना सभा के लिए इकट्ठा थे। स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत मलबे में फंसे बच्चों और शिक्षकों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया। घायलों का इलाज झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल और मनोहर थाना के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में चल रहा है। स्थानीय लोगों और परिजनों ने स्कूल की जर्जर इमारत को हादसे का कारण बताया और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। गुस्साए ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। हादसे ने सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति और रखरखाव की कमी पर सवाल उठाए हैं। हालांकि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है, लेकिन मंत्रियों या वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी तय न होने पर स्थानीय लोग नाराज हैं।
झालावाड़ स्कूल हादसा: छत गिरने से बच्चों की मौत, पांच शिक्षक सस्पेंड, मंत्रियों पर सवाल