अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और दंड लगाने की घोषणा की है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने चार भारतीय कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद ईरान खुले तौर पर भारत के समर्थन में खड़ा हुआ है। ईरान ने अमेरिका को करारा जवाब देते हुए कहा कि वाशिंगटन ने भारतीय कंपनियों के साथ भेदभावपूर्ण कार्रवाई की है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और राष्ट्रीय संप्रभुता के सिद्धांतों के खिलाफ है।
ईरान का अमेरिका पर गंभीर आरोप
नई दिल्ली स्थित ईरान के दूतावास ने आरोप लगाया है कि अमेरिका भारत पर मनमानी करने के लिए अर्थव्यवस्था को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। यह भारत जैसे देशों के विकास में बाधा डालने के लिए प्रतिबंधों का उपयोग कर रहा है। **‘अमेरिका अर्थव्यवस्था को हथियार बना रहा है’** ईरान के दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका अर्थव्यवस्था को हथियार बनाकर ईरान और भारत जैसे स्वतंत्र देशों पर मनमानी करने और उनके विकास में बाधा डालने के लिए प्रतिबंधों का उपयोग कर रहा है। यह जबरन भेदभावपूर्ण कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून और राष्ट्रीय संप्रभुता के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। यह कार्रवाई आर्थिक साम्राज्यवाद के नए रूप को दर्शाती है। हम अमेरिका की इस नीति का विरोध करते हैं, जो एक शक्तिशाली, गैर-पश्चिमी नेतृत्व वाली बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था और एक मजबूत वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण कदम है।”
भारत की चार कंपनियों पर अमेरिका का प्रतिबंध
ईरान के साथ कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की डील करने के कारण अमेरिका ने भारत की चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने ईरान पर दबाव बढ़ाने की नीति के तहत यह कार्रवाई की है। अमेरिका के विदेशी संपत्ति नियंत्रण विभाग ने न केवल भारत, बल्कि चीन, संयुक्त अरब अमीरात और हांगकांग के तेल ब्रोकरों और टैंकर ऑपरेटरों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत की चार कंपनियों सहित कई देशों के 40 लोगों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन चार कंपनियों में नवी मुंबई स्थित फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी, दिल्ली-एनसीआर की बीएसएम मैरीन, ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और तंजावुर की कॉसमॉस लाइन्स शामिल हैं। इनमें से पहली तीन कंपनियां ईरान के तेल टैंकरों को ले जाने वाले जहाजों का संचालन करती हैं, जबकि कॉसमॉस ईरान के तेल परिवहन में शामिल होने के कारण प्रतिबंधित की गई है।