साबरकांठा और अरवल्ली जिले में साबर डेरी के खिलाफ पशुपालकों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी है। 9500 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली साबर डेरी में मामूली मूल्य वृद्धि के विरोध में पशुपालकों ने दूध की आपूर्ति बंद कर दी है, जिसके कारण डेरी का पाउडर उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है। आंदोलन के दौरान पुलिस के साथ झड़प में एक युवक की संदिग्ध मृत्यु हो गई, जिससे पशुपालकों में रोष और बढ़ गया है।
साबर डेरी ने पिछले वर्ष के समान मूल्य वृद्धि की घोषणा की, लेकिन पशुपालकों की 25% मूल्य वृद्धि और गिरफ्तार किए गए निर्दोष पशुपालकों की रिहाई की मांग के चलते 16 जोन की 400 मंडलियों ने दूध की आपूर्ति रोक दी है।
हिम्मतनगर जोन की 60 मंडलियों ने डेरी के डायरेक्टर के साथ बैठक में मूल्य वृद्धि और गिरफ्तारी का विरोध किया, जिसमें डायरेक्टर ने सकारात्मक समाधान का आश्वासन दिया। दूध की आपूर्ति में 15 लाख लीटर की कमी आई है, हालांकि डेरी के एम.डी. ने 11 लाख लीटर की आपूर्ति और 15 लाख लीटर के भंडारण की बात कही है।
आंदोलन के चलते खेड़ब्रह्मा क्षेत्र में पशुपालकों ने दूध सड़कों पर बहाने के बजाय गरीब परिवारों को 500 ग्राम से 2 लीटर तक मुफ्त दूध वितरित किया। इस आंदोलन से गुजरात के दूसरे सबसे बड़े दूध उत्पादक जिले साबरकांठा की डेरी अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है, जहां 1800 मंडलियां बहिष्कार में शामिल हो चुकी हैं।