जम्मू-कश्मीर, बिहार, गोवा और मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का 5 अगस्त 2025 को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 79 वर्षीय मलिक किडनी की गंभीर समस्या और फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे थे। उनके निधन ने देश में शोक की लहर दौड़ा दी है, खासकर उन लोगों में जो उन्हें लोकतंत्र का सच्चा योद्धा और किसानों का हितरक्षक मानते थे।
राजनीतिक सफर और बेबाक व्यक्तित्व
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत में एक जाट परिवार में हुआ था। मेरठ कॉलेज से पढ़ाई के दौरान वे छात्रसंघ अध्यक्ष रहे और 1974-77 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। 1980 से 1989 तक वे राज्यसभा सांसद और 1989-91 में अलीगढ़ से लोकसभा सांसद रहे। जनता दल, समाजवादी पार्टी और भाजपा के साथ जुड़ाव के बाद वे 2017 में बिहार के राज्यपाल बने, फिर जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय में अपनी सेवाएं दीं। जम्मू-कश्मीर में उनके कार्यकाल में अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐतिहासिक फैसला हुआ। मलिक अपने बेबाक बयानों के लिए जाने गए, खासकर पुलवामा हमले, किसान आंदोलन और अग्निपथ योजना पर उनकी टिप्पणियां चर्चा में रहीं।
किरु जलविद्युत परियोजना विवाद
सत्यपाल मलिक ने 2021 में किरु जलविद्युत परियोजना में 2200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का खुलासा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें इस प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश हुई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। इसके बावजूद, सीबीआई ने मई 2025 में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जब वे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किडनी डायलिसिस करा रहे थे। मलिक ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि उन्होंने ही इस घोटाले की जानकारी प्रधानमंत्री को दी थी। फरवरी 2024 में उनके ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी भी हुई थी।
लोकतंत्र और किसानों के लिए संघर्ष
जीवन के अंतिम वर्षों में मलिक ने सरकार की नीतियों की खुलकर आलोचना की। उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन किया, महिला पहलवानों के पक्ष में आवाज उठाई और पुलवामा हमले की निष्पक्ष जांच की मांग की। 7 जून 2025 को आईसीयू से एक भावुक पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मैं रहूं या न रहूं, देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं।" उनकी यह कोशिश देश को जगाने और सत्ता के सामने सच बोलने की प्रेरणा देती रहेगी।
अंतिम दिन और शोक संदेश
मलिक मई 2025 से अस्पताल में भर्ती थे। कई बार आईसीयू में आने-जाने के बाद, उनकी स्थिति बिगड़ती गई। उनके निजी सचिव केएस राणा ने उनके निधन की पुष्टि की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। राहुल ने कहा, "मैं सत्यपाल मलिक जी के साथ सत्य की इस लड़ाई में हूं।"
सत्यपाल मलिक एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने सत्ता के सामने झुकने के बजाय सच का साथ दिया। किरु घोटाले के आरोपों के बावजूद, उन्होंने अपनी ईमानदारी और साहस से लोगों का दिल जीता। उनका निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।