भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए हाल ही में श्री शेषाद्री चारी का नाम जोर-शोर से चर्चा में है। जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद, यह कयास लगाया जा रहा है कि शेषाद्री चारी इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। आइए, उनके व्यक्तित्व, योगदान और इस चर्चा के पीछे के कारणों पर संक्षिप्त नजर डालते हैं। **शेषाद्री चारी का परिचय** श्री शेषाद्री चारी एक प्रख्यात बुद्धिजीवी, लेखक, और राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रमुख वक्ता हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र "ऑर्गनाइजर" के पूर्व संपादक रहे हैं और भारतीय संस्कृति, विदेश नीति, और सामरिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। बहुभाषाविद् होने के नाते, वे विभिन्न भाषाओं में अपनी बात प्रभावी ढंग से रखने में सक्षम हैं। चारी का जन्म दक्षिण भारत में हुआ, और उनकी शिक्षा और लेखन ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई।
राजनीतिक और सामाजिक योगदान
शेषाद्री चारी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और RSS के साथ लंबे समय तक काम किया है। उनकी लेखनी और विचारधारा ने राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विरासत, और भारत की वैश्विक स्थिति को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहे हैं। उनकी गहरी समझ और संतुलित दृष्टिकोण ने उन्हें एक गंभीर और विद्वान व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए चर्चा
जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई, 2025 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद, शेषाद्री चारी का नाम संभावित उम्मीदवार के रूप में उभरा है। X पर कई पोस्ट्स में दावा किया गया है कि उनकी विद्वता, अनुभव, और राष्ट्रवादी विचारधारा उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है। उनकी नियुक्ति से संसद को एक गंभीर और संतुलित मार्गदर्शक मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, और भारत के संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद की रिक्ति को जल्द से जल्द भरने के लिए चुनाव आयोजित किया जाएगा।
संवैधानिक प्रावधान
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 68 के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं है, लेकिन रिक्ति को यथाशीघ्र भरा जाना चाहिए। उम्मीदवार को भारत का नागरिक, कम से कम 35 वर्ष का, और किसी संसदीय क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत होना चाहिए। चारी इन सभी मानदंडों को पूरा करते हैं, जिससे उनकी उम्मीदवारी को बल मिलता है।
शेषाद्री चारी का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में सामने आया है। उनकी बौद्धिक क्षमता, सांस्कृतिक समझ, और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाते हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा गुप्त मतदान के जरिए होगा। देश अब इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए नए चेहरे की घोषणा का इंतजार कर रहा है।