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Tuesday, 26 August 2025

आयतुल्लाह इमाम ख़ामेनेई के विचार ईरानी जनता का चयन अत्याचार के सामने आत्मसमर्पण नहीं,

आयतुल्लाह इमाम ख़ामेनेई के विचार ईरानी जनता का चयन अत्याचार के सामने आत्मसमर्पण नहीं,
        इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनई
ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता ने कहा: हमारी जनता का चयन अत्याचार के सामने आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि डटे रहना और निर्भरता न रखना, यानी स्वतंत्रता बनाए रखना है।

इस लेख में पार्स टुडे ने इस बात पर दृष्टि डाली है कि इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह इमाम खामेनेई ने अत्याचार के विरोध में क्या दृष्टिकोण अपनाया है।

पार्स टुडे के अनुसार ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनई ने हाल ही में हज अधिकारियों से बातचीत में कहा:

यदि किसी दिन पूरे देश या किसी विशेष समूह को किसी स्थान पर एकत्र होने के लिए बुलाया जाए, तो इसका मतलब केवल वहाँ उपस्थित होना नहीं है; इसका अर्थ है कि वहाँ एक विशेष उद्देश्य के लिए एकत्र होना है। यह उद्देश्य क्या है?

इस्लामी समुदाय को ऊँचा उठाना

सभी मुसलमानों के दिलों के बीच निकटता और एकता

अत्याचार, अन्याय, और अत्याचारी शक्तियों के खिलाफ़ एकजुट होना

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज का मुद्दा इज़राइल या ज़ायोनी शासन हो सकता है और पूरी इस्लामी दुनिया को सशक्त और एकजुट संदेश देना चाहिए। आज की दुनिया में समस्या अत्याचारी शक्तियों का प्रभाव है सभी को मिलकर अपनी शक्ति दिखानी और उनका सामना करना चाहिए।

संक्षेप में ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई के अनुसार अत्याचार के विरोध का अर्थ केवल विरोध करना नहीं, बल्कि सभी मुसलमानों के बीच एकता और सामूहिक शक्ति प्रदर्शित करना है ताकि अन्याय और अत्याचारी ताकतों का मुकाबला किया जा सके।
क्षेत्र में प्रतिरोध की घटना

इसी संदर्भ में ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने हाल ही में शहीद हाज़ कासिम सुलैमानी के परिवार और स्मरण समिति के सदस्यों से बातचीत में कहा: आज हमारे क्षेत्र में एक घटना मौजूद है, जिसे हमने प्रतिरोध कहा है। यह प्रतिरोध केवल ज़ायोनी शासन के खिलाफ नहीं है, बल्कि अत्याचारी प्रभाव के खिलाफ़ भी है। अत्याचार का प्रमुख स्रोत अमेरिका है, जिसे "बड़ा शैतान" कहा गया है लेकिन यह केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है अन्य सभी अत्याचारी संस्थाएँ भी अत्याचारी हैं और यह प्रतिरोध उनके खिलाफ़ है।

इस्लामी क्रांति के प्रमुख नारों में क्या शामिल है?
इस्लामी क्रांति के नेता ने कहा कि इस्लामी क्रांति के मुख्य नारे हैं: न्याय की मांग कमज़ोरों का समर्थन
अत्याचार-विरोध अत्याचारी शक्तियों का सामना

अत्याचार के खिलाफ ईरानी जनता का चयन क्या है?

ईरानी जनता को संबोधित करते हुए इस्लामी क्रांति के नेता ने कहा: हमारी जनता का चयन अत्याचार के सामने आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि डटे रहना और निर्भरता न रखना, यानी स्वतंत्रता बनाए रखना है। mm