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Monday, 18 August 2025

महाराष्ट्र में भारी बारिश का कहर: रेड और ऑरेंज अलर्ट, मुख्यमंत्री फडणवीस ने लिया स्थिति का जायजा

महाराष्ट्र में भारी बारिश का कहर: रेड और ऑरेंज अलर्ट, मुख्यमंत्री फडणवीस ने लिया स्थिति का जायजा

महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई, पुणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सतारा, कोल्हापुर सहित 15 जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रालय नियंत्रण कक्ष से स्थिति की समीक्षा की और आपदा प्रबंधन के लिए व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। नांदेड़ जिले के मुंखेड़ तालुका में बादल फटने से पांच लोग लापता हो गए हैं, और कई लोग बाढ़ में फंसे हैं। यह लेख महाराष्ट्र की इस आपदा, प्रभावित क्षेत्रों, और सरकारी प्रयासों का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत करता है। 

भारी बारिश और मौसम अलर्ट भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 18 अगस्त, 2025 को मुंबई और उसके उपनगरों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया, जबकि रायगढ़, रत्नागिरी, सतारा, कोल्हापुर, पुणे, पालघर, नासिक, गोंदिया, चंद्रपुर, भंडारा, और गढ़चिरौली सहित कई जिलों के लिए रेड अलर्ट घोषित किया। IMD के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र और अरब सागर तक फैले पूर्व-पश्चिम ट्रफ के कारण कोंकण तट और घाट क्षेत्रों में भारी से अति भारी बारिश हो रही है। अगले 48 घंटों तक, यानी 21 अगस्त तक, कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी बरकरार है।

मुंबई में रविवार रात से शुरू हुई बारिश ने सोमवार को और जोर पकड़ा। सांताक्रूज़ में 245 मिमी और कोलाबा में 85 मिमी बारिश दर्ज की गई। चरकोप (190 मिमी), आनंद नगर (188 मिमी), और बोरीवली (168 मिमी) जैसे क्षेत्रों में भारी जलभराव देखा गया। पुणे के घाट क्षेत्रों में ताम्हिणी (210 मिमी) और कोयना नवजा (174 मिमी) में अति भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे भूस्खलन और बांधों के अतिप्रवाह का खतरा बढ़ गया है।

नांदेड़ में बादल फटने की घटना नांदेड़ जिले के मुंखेड़ तालुका में रविवार को बादल फटने से स्थिति गंभीर हो गई। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि लेंडी बांध का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, और लातूर, उदगीर, और पड़ोसी कर्नाटक से भारी मात्रा में पानी इस क्षेत्र में आ रहा है। रवंगांव, भासवाड़ी, भिंगेली, और हसनाल गांवों में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है। रवंगांव में 225 लोग बाढ़ में फंसे थे, जिनमें से कई को निकाला गया है। भासवाड़ी में 20 और भिंगेली में 40 लोग सुरक्षित हैं, लेकिन पांच लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।

मुख्यमंत्री का जायजा और आपदा प्रबंधन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 18 अगस्त को मंत्रालय नियंत्रण कक्ष में एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा, "पिछले दो दिनों में महाराष्ट्र में भारी बारिश हुई है। कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट हैं, और 21 अगस्त तक और जिलों में ऐसी स्थिति रहेगी। हमने आवश्यक सावधानियों पर चर्चा की है।" फडणवीस ने नांदेड़, लातूर, और कर्नाटक के बीदर के कलेक्टरों के साथ समन्वय बनाए रखने की बात कही।

नांदेड़ में बचाव कार्यों के लिए एक एनडीआरएफ टीम, एक सैन्य इकाई, और पुलिस बल तैनात किए गए हैं। छत्रपति संभाजीनगर से एक अतिरिक्त सैन्य इकाई भी भेजी गई है। नांदेड़ के कलेक्टर राहुल कार्डिले ने बताया कि सेना की 15 सदस्यीय टीम मुंखेड़ में तैनात की गई है, और पड़ोसी तेलंगाना के पोचमपद बांध से पानी के निर्वहन को नियंत्रित करने के लिए तेलंगाना के अधिकारियों से बात की गई है।

मुंबई में स्थिति मुंबई में भारी बारिश के कारण कई निचले इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हुई। अंधेरी सबवे, वाकोला ब्रिज, और खार सबवे में जलभराव के कारण यातायात बंद करना पड़ा। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने दोपहर 12 बजे के बाद शुरू होने वाली सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने की घोषणा की। मुंबई की लोकल ट्रेनें कुछ मिनट की देरी से चल रही हैं, लेकिन सेवा पूरी तरह बंद नहीं हुई। बीएमसी ने समुद्र तटों पर हाई टाइड के दौरान लोगों को न जाने की सलाह दी है।

प्रभावित जिले और चेतावनियाँ IMD ने निम्नलिखित जिलों के लिए अलर्ट जारी किए हैं: 

रेड अलर्ट

रायगढ़, रत्नागिरी, सतारा, कोल्हापुर, पुणे (घाट क्षेत्र), पालघर, नासिक (घाट क्षेत्र), गोंदिया, चंद्रपुर, भंडारा, गढ़चिरौली। - 

ऑरेंज अलर्ट

मुंबई, ठाणे, पालघर, नासिक, जालना, बीड, चंद्रपुर, लातूर, अमरावती, गढ़चिरौली, और सतारा (घाट क्षेत्र) 

पुणे के घाट क्षेत्रों में भूस्खलन और बांधों के अतिप्रवाह का खतरा बना हुआ है, क्योंकि तेमघर बांध 95% तक भर चुका है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, और निचले इलाकों में रहने वालों को आपातकालीन निकासी के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

सकारात्मक पहलू: जलाशयों का जलस्तर मुंबई के सात जलाशयों, जो शहर को पेयजल आपूर्ति करते हैं, का जलस्तर 90.68% तक पहुँच गया है। तुलसी झील 100% भर चुकी है, जबकि तानसा (98.45%), मिडिल वैतरणा (97.17%), और अन्य जलाशय भी लगभग पूर्ण क्षमता पर हैं। यह मुंबई के लिए एक सकारात्मक खबर है, क्योंकि इससे पानी की कमी की समस्या से राहत मिलेगी।

महाराष्ट्र में भारी बारिश ने कई जिलों में सामान्य जीवन को प्रभावित किया है, और रेड व ऑरेंज अलर्ट ने प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन और बचाव कार्य जोर-शोर से चल रहे हैं। नांदेड़ में लापता लोगों की तलाश और बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना, एनडीआरएफ, और पुलिस समन्वय के साथ काम कर रही है। मुंबई में जलभराव और ट्रैफिक समस्याओं ने जनजीवन को प्रभावित किया है, लेकिन प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय है। यह बारिश महाराष्ट्र के लिए चुनौती और अवसर दोनों लेकर आई है—चुनौती आपदा प्रबंधन की, और अवसर जलाशयों के भरने का।