ऐसी परिस्थितियों में जहाँ हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास को लेकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा तेज़ है, ईरान ने भी इस क्षेत्र में क़दम रखते हुए अपनी मिसाइल क्षमता को एक नए स्तर पर पहुँचाया है।
हाइपरसोनिक मिसाइलें उन मिसाइलों को कहा जाता है जिनकी गति ध्वनि की गति से पाँच गुना से अधिक होती है और उच्च व बहुत तीव्र गति के कारण रक्षा प्रणालियों के लिए इन्हें ट्रैक करना बहुत कठिन होता है। पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने उन्नत सैन्य तकनीकों के विकास के साथ 16 ख़ुर्दाद 1402 को इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अनावरण किया, जिसे हाइपरसोनिक फ़त्ताह मिसाइलों के नाम से जाना जाता है।
फ़त्ताह की मारक क्षमता 1400 किलोमीटर है और इसकी गति 16000 किलोमीटर प्रति घंटे के बराबर है।
हाइपरसोनिक फ़त्ताह मिसाइलें, ईरान के रक्षा मंत्रालय की अनुसंधान और विकास परियोजनाओं का हिस्सा हैं, जिनमें उच्च गति, लक्ष्य पर सटीकता और दुश्मन की मिसाइल रक्षा प्रणालियों में प्रवेश करने की क्षमता जैसी विशेषताएँ शामिल हैं।
ये मिसाइलें आमतौर पर उन्नत ईंधन का उपयोग करती हैं और अत्यंत सटीक उड़ान नियंत्रण तकनीकों से लैस हैं, जो इन्हें उड़ान के दौरान मार्ग बदलने की क्षमता देती हैं। यह विशेषता यह सुनिश्चित करती है कि दुश्मन की रक्षा प्रणाली आसानी से इन मिसाइलों की उड़ान पथ का अनुमान न लगा सके और उन्हें नष्ट न कर सके।
फ़त्ताह मिसाइलों का अनावरण ईरान के आधुनिक रक्षा प्रणालियों के विकास और अपनी निवारक क्षमता बढ़ाने के संकल्प को दर्शाता है। ये तकनीकें न केवल ईरान को युद्ध क्षेत्रों में श्रेष्ठ स्थिति प्रदान करती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय वार्ता और रक्षा नीतियों में भी देश का प्रभाव बढ़ाती हैं।
कुल मिलाकर, हाइपरसोनिक फ़त्ताह मिसाइलें ईरान के रक्षा उद्योग में महत्वपूर्ण प्रगति का उदाहरण हैं, जो देश की स्वावलंबन और राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में, घरेलू ज्ञान और नवीनतम वैश्विक तकनीकों पर आधारित हैं। MM