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Friday, 15 August 2025

लारीजानी की बैरूत यात्रा: ईरान-लेबनान एकता का ऐतिहासिक प्रदर्शन, बाहरी दबावों के खिलाफ़ मजबूत संदेश

लारीजानी की बैरूत यात्रा: ईरान-लेबनान एकता का ऐतिहासिक प्रदर्शन, बाहरी दबावों के खिलाफ़ मजबूत संदेश
अली लारीजानी, ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव, की हालिया बैरूत यात्रा ने लेबनान और ईरान के बीच गहरे रिश्तों और प्रतिरोध की धुरी को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है। इस यात्रा ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ध्यान आकर्षित किया, खासकर ऐसे समय में जब लेबनान पर हिज़्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण के लिए अमेरिका और इज़राइल समर्थित बाहरी दबाव बढ़ रहे हैं। 

लेबनानी नेताओं के साथ संवाद और एकता का संदेश

 लारीजानी ने बैरूत में लेबनान के राष्ट्रपति जोज़ेफ औन, प्रधानमंत्री नवाफ़ सलाम, और संसद अध्यक्ष नबीह बरी से मुलाकात की। राष्ट्रपति औन ने जोर देकर कहा कि इज़राइल या किसी अन्य स्रोत से आने वाली चुनौतियाँ केवल एक समूह के लिए नहीं, बल्कि सभी लेबनानियों के लिए हैं। उन्होंने लेबनानी एकता को सबसे बड़ा हथियार बताया और ईरान के साथ संप्रभुता व पारस्परिक सम्मान पर आधारित सहयोग की इच्छा जताई।

संसद अध्यक्ष नबीह बरी ने ईरान को लेबनान का मित्र देश करार देते हुए कहा कि हिज़्बुल्लाह लेबनान के प्रमुख दलों में से एक है और इसे समाप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने लारीजानी की यात्रा पर हंगामे को विदेशी लॉबी का हिस्सा बताया।

प्रधानमंत्री नवाफ़ सलाम ने लेबनान की फिलिस्तीनी मुद्दे में अग्रणी भूमिका और इज़राइल के खिलाफ़ संघर्ष में भारी कीमत चुकाने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि लेबनान कब्ज़ा की गई भूमि से इज़राइल को हटाने के लिए कूटनीतिक और कानूनी प्रयास जारी रखेगा।

हिज़्बुल्लाह और प्रतिरोध की शक्ति 

लारीजानी ने शहीद सैयद हसन नसरल्लाह के मक़बरे पर जाकर लेबनानी जनता को संबोधित किया। उन्होंने हिज़्बुल्लाह को लेबनान और इस्लामी समुदायों की शान और गर्व बताया, यह कहते हुए कि इसका प्रभाव ही इसके खिलाफ़ द्वेष का कारण है। लारीजानी ने हिज़्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण की मांग को खारिज करते हुए कहा कि प्रतिरोध कोई आदेश से शुरू या खत्म नहीं होता, और यह लेबनान का राष्ट्रीय धरोहर है। उन्होंने इज़राइल को असली आक्रामक करार देते हुए ईरान की ओर से लेबनान को हर परिस्थिति में समर्थन का वादा किया।

लेबनानी जनता का गर्मजोशी भरा स्वागत


 बैरूत के रफ़ीक हरीरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लारीजानी का स्वागत हिज़्बुल्लाह समर्थकों ने "लैब्बैक या नसरल्लाह" और "मौत अमेरिका को" जैसे नारों के साथ किया। यह स्वागत, विश्लेषकों के अनुसार, लेबनान में ईरान की राजनीतिक उपस्थिति का प्रतीक था। सोशल मीडिया पर #ایران_سند_مش_وصایة (ईरान सहायक है, अभिभावक नहीं) हैशटैग ट्रेंड किया, जो बाहरी दबावों के खिलाफ़ लेबनानी प्रतिरोध के समर्थन का संदेश था।

इज़राइली मीडिया में प्रतिक्रिया

 इज़राइल के टीवी चैनल 12 ने लारीजानी की यात्रा को क्षेत्र में ईरान के प्रभाव को बढ़ाने और प्रतिरोध की धुरी को मज़बूत करने का रणनीतिक कदम बताया। यह यात्रा हिज़्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण के लिए बाहरी दबावों के बीच तेहरान के दृढ़ रुख का संदेश देती है।

विवाद और बाहरी दबाव

लारीजानी की यात्रा ने लेबनान के भीतर और बाहर विवाद खड़ा किया। राष्ट्रपति औन और प्रधानमंत्री सलाम ने ईरान के हस्तक्षेप को खारिज करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता पर जोर दिया। कुछ लेबनानी गुटों, जैसे ईसाई मारोनाइट पार्टियों, ने इस यात्रा को हिज़्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण को रोकने की कोशिश करार दिया। इसके बावजूद, लारीजानी ने स्पष्ट किया कि ईरान लेबनान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता और निर्णय लेबनानी जनता और प्रतिरोध के परामर्श से होने चाहिए।

 लारीजानी की बैरूत यात्रा ने ईरान और लेबनान के बीच ऐतिहासिक एकता को मज़बूत किया और बाहरी दबावों के खिलाफ़ प्रतिरोध की धुरी का समर्थन दर्शाया। यह यात्रा न केवल लेबनान की संप्रभुता और हिज़्बुल्लाह की भूमिका पर केंद्रित थी, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और इज़राइल के खिलाफ़ एकजुटता का भी प्रतीक बनी। लेबनानी जनता का गर्मजोशी भरा स्वागत और सोशल मीडिया पर समर्थन ने इस यात्रा के महत्व को और बढ़ा दिया, जो क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में ईरान की दृढ़ स्थिति को रेखांकित करता है।