ग़ज़ा, 11 अगस्त 2025: ग़ज़ा पट्टी में अल-शिफ़ा अस्पताल के नज़दीक हुए एक इसराइली हवाई हमले में अल जज़ीरा के चार पत्रकारों की मौत हो गई। अल जज़ीरा के अनुसार, मारे गए पत्रकारों में संवाददाता अनस अल-शरीफ़ और मोहम्मद कुरैके, साथ ही कैमरापर्सन इब्राहिम ज़हीर और मोहम्मद नौफ़ाल शामिल हैं। यह हमला उस समय हुआ जब ये पत्रकार अस्पताल के मुख्य द्वार पर पत्रकारों के लिए बनाए गए एक टेंट में मौजूद थे। अल जज़ीरा ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे अपने पत्रकारों के खिलाफ लक्षित कार्रवाई बताया है। लगभग दो सप्ताह पहले, चैनल ने इसराइली रक्षा बलों (IDF) पर आरोप लगाया था कि वे अनस अल-शरीफ़ सहित उसके पत्रकारों के खिलाफ 'उकसावे का अभियान' चला रहे हैं। हमले के कुछ समय बाद, IDF ने टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर पुष्टि की कि उसने अनस अल-शरीफ़ को निशाना बनाया था। IDF ने दावा किया कि अल-शरीफ़ "हमास में एक आतंकवादी सेल के प्रमुख के तौर पर काम कर रहे थे।" हालांकि, IDF ने अपने बयान में अन्य मारे गए पत्रकारों का कोई ज़िक्र नहीं किया। अल जज़ीरा के मैनेजिंग एडिटर मोहम्मद मोआवाद ने बीबीसी को बताया कि अनस अल-शरीफ़ ग़ज़ा में ख़बरें देने वाली "दुनिया की एकमात्र आवाज़" थे। उन्होंने इस हमले को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसकी निंदा करने की मांग की। यह घटना ग़ज़ा में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। अल जज़ीरा ने पहले भी कई बार इसराइली बलों पर अपने पत्रकारों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। इस हमले ने क्षेत्र में पत्रकारिता के खतरों को एक बार फिर उजागर किया है, जहां युद्ध और हिंसा के बीच सच्चाई को सामने लाने की कोशिशें जानलेवा साबित हो रही हैं।
ग़ज़ा में इसराइली हमले में अल जज़ीरा के चार पत्रकारों की मौत, IDF ने एक को बताया हमास का सदस्य