नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हाल ही में कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया है कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बेटे ध्रुव जयशंकर, जो अमेरिका में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के डायरेक्टर हैं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के हितों की रक्षा के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। इन दावों के अनुसार, ध्रुव जयशंकर कथित तौर पर अमेरिका में अंबानी के व्यापारिक हितों को बढ़ावा देने और गौतम अदानी की कंपनियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में शामिल हैं। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है और ये केवल सोशल मीडिया पर आधारित हैं।
ORF और रिलायंस का कनेक्शन
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) एक प्रमुख थिंक टैंक है, जिसे भारत में नीति-निर्माण और रणनीतिक मामलों पर शोध के लिए जाना जाता है। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया है कि ORF को रिलायंस इंडस्ट्रीज से वित्तीय सहायता मिलती है, और ध्रुव जयशंकर, जो 2019 से ORF अमेरिका के साथ जुड़े हैं, वहां रिलायंस के हितों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन पोस्ट्स में यह भी कहा गया है कि ध्रुव जयशंकर का ORF में शामिल होना उनके पिता के विदेश मंत्री बनने के समय से मेल खाता है, जिससे सवाल उठ रहे हैं।
अदानी को निशाना बनाने का दावा
सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने यह भी आरोप लगाया है कि ध्रुव जयशंकर अमेरिका में अदानी समूह के खिलाफ काम कर रहे हैं। यह दावा तब सामने आया जब कुछ पोस्ट्स में कहा गया कि ध्रुव ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के साथ तनाव पैदा करने की कोशिश की, ताकि अदानी के व्यापारिक हितों को नुकसान पहुंचे। हालांकि, इन दावों का कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं है, और ये केवल अटकलों पर आधारित प्रतीत होते हैं।
ट्रंप के शपथ ग्रहण में अंबानी की मौजूदगी
सोशल मीडिया पर यह भी दावा किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में मुकेश अंबानी को आमंत्रित किया गया था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता नहीं मिला। इस दावे की भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, यह सच है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया और उन्हें पहली पंक्ति में स्थान दिया गया, जो भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती का प्रतीक माना गया।
कतर में ट्रंप-अंबानी मुलाकात का दावा
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह भी कहा गया है कि कतर में मुकेश अंबानी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हुई। हालांकि, इस कथित मुलाकात के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी या विश्वसनीय स्रोत उपलब्ध नहीं है। यह दावा भी सोशल मीडिया की अटकलों का हिस्सा प्रतीत होता है।
भारत-अमेरिका संबंधों पर जयशंकर का रुख
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल के बयानों में भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बताया है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को "अमेरिकी राष्ट्रवादी" करार देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ सकता है, खासकर तकनीक, व्यापार और रक्षा जैसे क्षेत्रों में। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा और किसानों व छोटे उद्यमियों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
सोशल मीडिया पर ध्रुव जयशंकर और ORF को लेकर उठाए गए दावे गंभीर हैं, लेकिन इनकी सत्यता की पुष्टि के लिए ठोस सबूतों की कमी है। भारत-अमेरिका संबंधों के संदर्भ में विदेश मंत्री जयशंकर ने बार-बार द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई है। इन दावों को लेकर पारदर्शिता और तथ्यों की जांच जरूरी है, ताकि सही तस्वीर सामने आ सके।