न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ज़ोहरान ममदानी ने शुक्रवार को एक मस्जिद के बाहर भावुक भाषण देते हुए अपनी मुस्लिम पहचान को और अधिक खुलकर अपनाने का ऐलान किया। पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो और उनके समर्थकों के हमलों का जवाब देते हुए ममदानी ने आंसू भरी आंखों से कहा कि वे अपनी पहचान, खान-पान या गर्व से भरे धर्म को कभी नहीं बदलेंगे। यह भाषण न केवल अमेरिकी राजनीति में मुस्लिम समुदाय की आवाज को बुलंद करता है, बल्कि 2025 के मेयर चुनाव में सांप्रदायिक बहस को नई ऊंचाई दे रहा है। ब्रॉन्क्स की इस्लामिक कल्चरल सेंटर मस्जिद के बाहर बोलते हुए ममदानी ने 11 सितंबर के हमलों के बाद की कठिनाइयों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उनकी चाची ने उस दर्दनाक घटना के बाद सबवे का सफर छोड़ दिया था, क्योंकि हिजाब पहनकर वे खुद को असुरक्षित महसूस करती थीं। ममदानी ने आगे कहा, "जब मैंने राजनीति में कदम रखा, तो एक चाचा ने सलाह दी कि अपने धर्म को सार्वजनिक न करें।" लेकिन अब वे इन 'सबकों' को ठुकराते हुए कहते हैं, "ये सबक मुस्लिम न्यूयॉर्कवासियों को सिखाए जाते रहे हैं, लेकिन अब एंड्रयू क्यूमो, कर्टिस सलिवा और एरिक एडम्स जैसे नेता इन्हें चुनावी हथियार बना रहे हैं।" ममदानी का यह भाषण क्यूमो के हालिया हमलों के जवाब में आया। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्यूमो ने ममदानी पर 'विक्टिम कार्ड' खेलने का आरोप लगाया और कहा कि न्यूयॉर्कर्स इस्लामोफोबिक नहीं हैं। क्यूमो के एक समर्थक रेडियो होस्ट ने तो ममदानी पर 9/11 जैसी घटना पर जश्न मनाने का अपमानजनक आरोप लगाया, जिस पर क्यूमो ने हंसते हुए टिप्पणी की। ममदानी ने इन्हें "नस्लवादी और आधारहीन" करार देते हुए कहा, "मेरे शब्द राजनीतिक विरोधियों के लिए नहीं, बल्कि उन मुस्लिम भाइयों-बहनों के लिए हैं जो शहर के लिए काम करते हैं—चाहे स्कूलों में पढ़ाएं या एनवाईपीडी में ड्यूटी करें। हर मुस्लिम का सपना सिर्फ इतना है कि उसे किसी अन्य न्यूयॉर्कर की तरह समान व्यवहार मिले, लेकिन हमें हमेशा कम मांगने को कहा जाता रहा है।" यह विवाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक पहुंच चुका है। ट्रंप ने ममदानी को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर वे मेयर बने तो न्यूयॉर्क सिटी के फंड रोके जाएंगे। ट्रंप ने ममदानी को "इस्लामिक एक्सट्रीमिज्म" से जोड़ने की कोशिश की, जो उनके इजरायल-विरोधी रुख से उपजी है। ममदानी, जो गाजा में इजरायली कार्रवाइयों को 'नरसंहार' बता चुके हैं, ने इन हमलों को इस्लामोफोबिया का प्रतीक बताया। 33 वर्षीय ममदानी का सफर प्रेरणादायक रहा है। युगांडा में जन्मे वे 2018 में अमेरिकी नागरिक बने और 2020 में न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के सदस्य चुने गए। जून 2025 में उन्होंने डेमोक्रेटिक प्राइमरी में क्यूमो को 56-44 प्रतिशत से हराकर इतिहास रच दिया। अगर नवंबर 2025 के आम चुनाव में वे जीतते हैं, तो न्यूयॉर्क सिटी के पहले मुस्लिम मेयर बनेंगे। डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट के रूप में वे किराया नियंत्रण, मुफ्त बस सेवा और प्रवासियों के अधिकारों जैसे मुद्दों पर जोर दे रहे हैं। ममदानी का यह भाषण डेमोक्रेटिक पार्टी में पीढ़ीगत संघर्ष को भी उजागर करता है—युवा प्रगतिशील बनाम पुरानी स्थापना। हाउस माइनॉरिटी लीडर हकीम जेफ्रीज जैसे नेताओं का समर्थन मिलने से उनकी उम्मीदें बढ़ गई हैं। लेकिन चुनावी जंग कठिन है: स्वतंत्र उम्मीदवार क्यूमो, रिपब्लिकन कर्टिस सलिवा और इंडिपेंडेंट एरिक एडम्स उनके प्रतिद्वंद्वी हैं। क्या ममदानी की यह भावुक अपील मुस्लिम वोटरों को एकजुट करेगी, या विरोधी हमले उनकी राह में रोड़ा बनेंगे? 4 नवंबर को न्यूयॉर्क की जनता फैसला करेगी।
ज़ोहरान ममदानी का भावुक भाषण: मुस्लिम पहचान पर हमलों के खिलाफ खुलकर खड़े हुए, कहा- 'अपनी पहचान नहीं बदलूंगा'