भारत के केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ईरान दौरे पर शनिवार को चाबहार पहुंचे। सोनोवाल ने कहा कि वह चाबहार बंदरगाह की प्रगति की समीक्षा करने के साथ ही साध मध्य एशिया के बीच व्यापार के अवसर की तलाश करेंगे।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह भारत, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान द्वारा व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जा रहा है। भारत के केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तेहरान रवाना होने से पहले दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'ईरान की अपनी यात्रा के दौरान, मैं चाबहार बंदरगाह की प्रगति की समीक्षा करूंगा तथा दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के बीच व्यापार के अवसरों की तलाश करूंगा।' भारत के कंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि वह ईरान सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे, चाबहार बंदरगाह के अंशधारकों से मिलेंगे और व्यापार संभावनाओं का पता लगाने के लिए कंपनियों के बीच (बी2बी) बैठकों में भाग लेंगे।
समाचार एजेंसी इर्नी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के उप राज्यपाल जवाद सिपाही ने भारत के बंदरगाह और जहाज़रानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के स्वागत समारोह के मौक़े पर कहा कि इस एक दिवसीय यात्रा में भारत के केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और उनके साथ आए एक एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल चाबहार में ईरान और भारत की संयुक्त बैठक में भाग लेगा और शहीद बहिश्ती बंदरगाह के बुनियादी ढांचे और अनलोडिंग और लोडिंग प्रक्रिया का भी दौरा करेंगे। सिपाही ने कहा, चाबहार की अपनी यात्रा के दौरान सर्बानंद सोनोवाल की अन्य योजनाओं में एक लाख टन साइलो के निर्माण की प्रक्रिया, निर्यात बिटोमिन टैंकों की निर्माण परियोजना, निर्यात मेथनॉल टैंक की निर्माण प्रक्रिया शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि सोनोवाल की ईरान यात्रा भारत द्वारा 'चाबहार-दिवस' मेज़बानी के एक पखवाड़े बाद हो रही है। मई, 2016 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईरान यात्रा पर गए आए थे। इस दौरान बंदरगाह और संबंधित बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 50 करोड़ डॉलर के निवेश के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। मोदी की यात्रा के दौरान, भारत और ईरान ने लगभग एक दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास पर हुआ एक समझौता था। बाद में, भारत, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान ने बंदरगाह के माध्यम से तीन देशों के बीच माल के परिवहन के लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। स्वदेश लौटते समय सोनोवाल संयुक्त अरब इमारात में जेबिल्ली अली बंदरगाह जाएंगे। (RZ)