डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी को अपना दोस्त बताते हैं. पीएम मोदी भी ट्रंप को अपना दोस्त बताते हैं.
क़रीब डेढ़ महीने पहले सितंबर में पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बुलावे पर क्वॉड समिट में शामिल होने अमेरिका गए थे तब ट्रंप ने कहा था कि पीएम मोदी से उनकी मुलाक़ात होगी.
तब ट्रंप चुनावी अभियान चला रहे थे. हालांकि पीएम मोदी ट्रंप से बिना मिले भारत आ गए थे. 17 सितंबर को मिशिगन के फ्लिंट में एक टाउनहॉल के दौरान रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार ट्रंप ने कहा था, ''अगले हफ़्ते मोदी अमेरिका आ रहे हैं और उनसे मुलाक़ात होगी. वह शानदार व्यक्ति हैं.''
अपने चुनावी अभियान के दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी का कई बार नाम लिया और उनके नेतृत्व की जमकर तारीफ़ की. छह नवंबर को ट्रंप ने जब चुनाव में बढ़त हासिल कर ली तभी पीएम मोदी ने उनको जीत की बधाई दोस्त के संबोधन के साथ दी थी.
सितंबर 2019 में ट्रंप और मोदी की 'दोस्ती' ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम में देखने लायक थी. तब ट्रंप और मोदी दोनों ने क़रीब 50 हज़ार भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को संबोधित किया था.
इसी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा दिया था. इसके बाद 2020 में मोदी के गृह राज्य गुजरात के अहमदाबाद में 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम हुआ. इसमें ट्रंप भी आए थे. साथ मे कोरोना भी ओर बाद मे लोक डाउन भी
मोदी को ट्रंप बेहतरीन शख़्स और दोस्त कई मौक़ों पर कह चुके हैं.
नरेंद्र मोदी को ट्रंप दोस्त कहते हैं लेकिन साथ में भारत की नीतियों पर तीखा हमला भी बोलते हैं.
ट्रंप कई बार शिकायत कर चुके हैं कि भारत अमेरिकी सामानों पर टैक्स लगाता है और ख़ुद अमेरिका में निर्यात करता है तो टैक्स फ्री चाहता है.
17 सितंबर को ट्रंप ने कहा था, ''इंडिया बहुत मुश्किल है. ब्राज़ील भी बहुत मुश्किल है. मैं आप सभी से यह बात कह सकता हूँ.''
जुलाई 2024 में ट्रंप ने एक चुनावी रैली में कहा था, ''अगर आप चीन में कुछ बनाना चाहते हैं तो वो चाहेंगे कि हम चीज़ें यहां बनाएं और वहां भेजें. फिर वो आप पर 250 फ़ीसदी टैरिफ लगाएंगे. हम ये नहीं चाहते. फिर आपको निमंत्रण मिलता है कि आइए अपना प्लांट लगाइए. फिर ये कंपनियां वहां जाती हैं.''
ट्रंप ने कहा, ''हार्ले डेविडसन के साथ भारत ने भी यही किया. हार्ले डेविडसन 200 फ़ीसदी टैरिफ लगाए जाने के कारण अपनी बाइक वहाँ नहीं बेच पाई.''
ट्रंप भारत से रक्षा संबंधों को लेकर स्पष्ट हैं. ट्रंप चाहते हैं कि भारत से रक्षा साझेदारी बढ़े लेकिन वो कारोबारी संबंध और इमिग्रेशन को लेकर भारत पर हमलावर रहे हैं.
ट्रंप की 'अमेरिका फ़र्स्ट' पॉलिसी मोदी से दोस्ती के दायरे को सीमित करती है. इसी पॉलिसी के तहत ट्रंप अमेरिका में भारत के आईटी, फार्मा और टेक्सटाइल निर्यात पर टैरिफ़ लगा सकते हैं.
ट्रंप पहले ही भारत को टैरिफ किंग कह चुके हैं. ट्रंप चाहते हैं कि उनके सामान पर भारत जितना टैक्स लगाता है, अमेरिका भी उतना ही लगाएगा.