एक जासूसी गुब्बारे को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका का दावा है कि चीन सिर्फ उसकी जासूसी नहीं कर रहा था, चीन ने ऐसे गुब्बारों के जरिए जिन देशों की जासूसी कराई, उनमें भारत भी शामिल है। सवाल यही है कि क्या अब भारतीय वायुसेना भी अमेरिका की तरह हमला कर इनका शिकार करेगी।
चीन के जासूसी गुब्बारों से भारत को भी खतरा:तिब्बत-अंडमान में की जासूसी, क्या US की तरह हवाई हमला करेगी सेना
11 घंटे पहलेलेखक: पूनम कौशल
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एक जासूसी गुब्बारे को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका का दावा है कि चीन सिर्फ उसकी जासूसी नहीं कर रहा था, चीन ने ऐसे गुब्बारों के जरिए जिन देशों की जासूसी कराई, उनमें भारत भी शामिल है। सवाल यही है कि क्या अब भारतीय वायुसेना भी अमेरिका की तरह हमला कर इनका शिकार करेगी।
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अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच चीन के जासूसी गुब्बारे ने भारत के सैन्य बेस की जासूसी की थी। इस जासूसी गुब्बारे ने अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के ऊपर से उड़ान भरी थी। इस तरह के एक गुब्बारे की फोटोज भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं।
चिंता की बात ये है कि दिसंबर 2021 के आखिरी हफ्ते में भारतीय सेना की तीनों विंग (आर्मी, एयरफोर्स और नेवी) के जवान अंडमान निकोबार में एक साथ ड्रिल करने के लिए जुटे थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्राई सर्विस कमांड के दौरान ही चीन के इस जासूसी गुब्बारे को अंडमान निकोबार में देखा गया था। हालांकि, भारत सरकार की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।
जमीन से 24 से 37 किलोमीटर यानी 80 हजार से 120 हजार फीट की ऊंचाई पर चीन की गुप्त आंखों के बारे में अब दुनियाभर में चर्चा हो रही है। पिछले हफ्ते चीन के जासूसी गुब्बारे को अमेरिका ने आसमान में ही खत्म कर दिया था।
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने 8 जनवरी को बताया कि चीन के ऐसे गुब्बारे पिछले कई साल से अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया और यूरोप के सैन्य ठिकानों की निगरानी कर रहे थे। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पत्रकारों से कहा, ‘सिर्फ अमेरिका ही इनके निशाने पर नहीं था। 5 महाद्वीपों के कई देशों में इन्होंने घुसपैठ की है। हम इस बारे में देशों को जानकारी दे रहे हैं।