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Saturday, 16 November 2024

झांसी: 20 नवजात को सुरक्षित बचाने का दावा करने वाले चश्मदीद ने क्या देखा

झांसी: 20 नवजात को सुरक्षित बचाने का दावा करने वाले चश्मदीद ने क्या देखा
चश्मदीद कृपाल सिंह राजपूत का दावा है कि उन्होंने 20 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला
उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात भीषण आग लगने से 10 नवजात की मौत हो गई. ओर 16 बच्चे की हालत अभी गंभीर हे

ये आग अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में लगी. झांसी के ज़िलाधिकारी अविनाश कुमार ने 10 नवजात की मौत की पुष्टि की है.

वहीं शनिवार की तड़के यूपी के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट करके बताया है कि मृत नवजात बच्चों के परिजनों को पांच लाख रुपये और गंभीर घायलों को पचास हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.

वहीं यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निंदा की है.

उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को चुनाव प्रचार छोड़कर चिकित्सा के हालात पर ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट लिखकर राज्य सरकार को मृत नवजातों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की मांग की है.

ब्रजेश पाठक ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद कहा, "हम परिजनों के साथ मिलकर बच्चों की पहचान कर रहे हैं. घटना के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. पहली जांच शासन स्तर पर होगी, जो कि स्वास्थ्य विभाग करेगा. दूसरी जांच पुलिस प्रशासन की तरफ से की जाएगी. जिसमें फायर विभाग की टीम भी शामिल होगी. तीसरी जांच मजिस्ट्रेट के स्तर पर होगी. हर हाल में घटना की जांच की जाएगी. जो भी कारण होंगे वे प्रदेश की जनता के सामने रखे जाएंगे."
झांसी के चीफ़ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सचिन महोर का कहना है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में सबसे पहले आग लगी

झांसी के चीफ़ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सचिन महोर ने बताया है कि ये घटना ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगने से हुई है.

उन्होंने बताया, “एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे और अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई जिसको बुझाने की कोशिशें की गईं. लेकिन कमरा हाइली ऑक्सिजिनेटेड रहता है तो आग तुरंत फैल गई. इसलिए हमने जितनी कोशिश की जा सकती थी बच्चों को बाहर निकाला. ज़्यादातर बच्चों को सकुशल बाहर निकाला गया है. फ़िलहाल 10 बच्चों की मौत हुई है.”
एक चश्मदीद का कहना है कि उनका बच्चा नहीं मिल रहा है

चश्मदीदों ने क्या बताया

एक चश्मदीद ने बताया है कि आग लगने के बाद जाली को तोड़कर कई नवजात को बाहर निकाला गया. उनका कहना है कि उनका बच्चा नहीं मिल रहा है.

वहीं एक और चश्मदीद कृपाल सिंह राजपूत ने कहा, “वो बच्चे को दूध पिलाने अंदर गए थे उसी दौरान एक मैडम भागते हुए आईं और उनके पैर में आग लगी हुई थी. वो चिल्ला रही थीं. हमने करीब 20 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला और मैडमों को बच्चों को पकड़ाया.”

“किसी बच्चे को ऑक्सीजन लगी थी और कोई गंभीर हालत में था. हमने उठाकर बच्चों को अस्पताल प्रशासन को सुरक्षित पकड़ाया ताकि जिसका भी बच्चा हो वो सुरक्षित बच जाए. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है लेकिन मशीनें ज़्यादा हीट हो गई थीं. जिससे बच्चों की मौत हो गई.

ऋषभ यादव नाम के एक चश्मदीद ने बताया कि यहां काफ़ी अफ़रा-तफ़री मची हुई थी, आग जब लगी तो लगभग 50 बच्चे रहे होंगे और लोग अपने बच्चों को इमरजेंसी की ओर लेकर भागे.

उन्होंने बताया कि कुछ परिवारों को तो ये भी पता नहीं है कि उनके बच्चे कहां हैं, प्रशासन को इसकी जानकारी देनी चाहिए.