मणिपुर में भड़की हिंसा के बाद नेशनल पीपल्स पार्टी ने राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
एनपीपी के प्रमुख मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा हैं.
रविवार शाम को नेशनल पीपल्स पार्टी ने इसकी जानकारी एक्स पर पोस्ट करके दी है.
नेशनल पीपल्स पार्टी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है, जिसमें पार्टी का कहना है कि "नेशनल पीपल्स पार्टी मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर लेकर चिंता व्यक्त करना चाहती है. पिछले कुछ दिनों में हमने स्थिति को और बिगड़ते हुए देखा है, जहां कई निर्दोष लोगों की जान चली गई है और राज्य में लोगों को भारी पीड़ा से गुज़रना पड़ रहा है. हम दृढ़ता से ये महसूस करते हैं कि श्री बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर राज्य सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से विफल रही है."
"वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल पीपल्स पार्टी ने तत्काल प्रभाव से मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है."
60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में एनपीपी के 7 विधायक हैं जबकि 3 निर्दलीय विधायक हैं. एनपीपी के एक विधायक जय किशन सिंह कुछ महीनों पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे.
एनपीपी के एक विधायक ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बीबीसी को बताया,"हमारी पार्टी ने मणिपुर की बीरेन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. यह समय मणिपुर और हम सबके लिए बहुत ही नाज़ुक है. प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को हमारी पार्टी के एक विधायक रामेश्वर सिंह को घर से निकाल कर ट्रैफिक पॉइंट पर बुरी तरह पीटा. विधायक को काफी चोटें आई हैं. यह सरकार राज्य की कानून-व्यवस्था और नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह विफल रही है. लिहाज़ा अब हम इस सरकार के साथ नहीं हैं."
विधायक ने यह भी बताया, "हम अगले कुछ दिन तक केंद्र सरकार के फैसले का इंतज़ार करेंगे क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह ने आज मणिपुर के मसले पर बैठक की है. हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को तुरंत हटाया जाए. अगर केंद्र सरकार कोई फैसला नहीं करती है तो हम इस सरकार से फ्लोर टेस्ट करवाएंगे. इस समय ऐसा लग रहा है कि बीरेन सरकार अब अल्पमत में आ गई है."
विधायक के अनुसार प्रदेश में एनपीपी के 7 विधायक हैं और कांग्रेस के 5 हैं. 10 विधायक कुकी जनजाति से हैं जो बीरेन सिंह के खिलाफ खड़े हैं जबकि 3 निर्दलीय हैं वो भी सरकार से अलग हो गए हैं.
बीजेपी के 19 विधायकों ने हाल ही में बीरेन सिंह को हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी, लिहाज़ा ऐसी हालत में फ्लोर टेस्ट करवाना ज़रूरी है.