उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले नारे पर देश में राजनीति गर्माई हुई है. इसी बीच केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को उदयपुर में कहा कि, "बंटेंगे तो कटेंगे नारा नहीं, एक विचार है."
उदयपुर के सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि, “भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति में अगर हम बंटेंगे तो निश्चित रूप बंटेंगे भी और कटेंगे भी. भारत का पिछला पंद्रह सौ साल का पुराना नक्शा उठाकर देख लीजिए जहां-जहां बंटे हैं, वहां-वहां हम कटते गए. इसलिए हम बंटे नहीं, संगठित रहें. यह नारा नहीं विचार है."
उन्होंने आगे कहा, “भारत के इतिहास के दृष्टिकोण से देखें तो जिस क्षेत्र में हिंदू जनसंख्या कम हुई वो हिस्सा भारत से कटा है. वो चाहे अफ़गानिस्तान हो, पाकिस्तान हो. बाद में षड्यंत्र करके कश्मीर में अलगाववाद की राजनीति करने की कोशिश की गई.”
“उस दृष्टिकोण से देखें तो भी हम यूनाइटेड रहेंगे तो हम ताक़तवर रहेंगे और हमारा देश अखंड रहेगा.”
केंद्रीय मंत्री ने 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे का ज़िक्र करते हुए कहा कि, “यह कहीं से हिंदू-मुस्लिम विषय नहीं है.”
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जो जैसा देखेगा वो उसको अपने अनुसार ग्रहण करके उस पर प्रतिक्रिया देगा. ऐसी मज़हबी ताक़तें जो मज़हबी राजनीति करती हैं उन लोगों ने ही इसको मज़हबी दृष्टि से देखा है."
"कांग्रेस ने हमेशा बांट कर राजनीति की है जिन्होंने आज़ादी के समय पर देश को मज़हब के नाम पर बांटा, जिन्होंने देश को अमीर और गरीब के नाम पर बांटा, ऊंचे और नीचे के नाम पर बांटा, बोली और भाषा के नाम पर बांटा, जातियों के नाम पर बांटने का षड्यंत्र किया, वो इसे विभाजन के तौर पर देखते हैं. मुझे लगता है कि दोष उनका नहीं है उनकी दृष्टि का है."