अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर अब वहां के छात्रों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है.
विश्वविद्यालय के एक छात्र ने फ़ैसले पर खुशी ज़ाहिर करते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “यह एक अल्पसंख्यक संस्थान है और हम इस फ़ैसले का स्वागत करते हैं. लेकिन इन्होंने ऐसा कह दिया कि यूनिवर्सिटी ही इसे साबित करे. रही बात साबित करने की तो आप इसके इतिहास में जाइये. इसकी इमारत को देखिए. ये यही कह रही है कि एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान है. हम वक़्त के साथ इसे साबित भी कर देंगे. हमें सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से इंसाफ़ की उम्मीद थी. हम सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत करते हैं.”
एक और छात्र ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर कहा, “हमारे लिए यह ऐतिहासक पल था. हमें इसका बहुत दिन से इंतज़ार है. सुप्रीम कोर्ट ने जो फ़ैसला दिया है हम उसका स्वागत करते हैं. यूनिवर्सिटी की हर एक ईंट यह बताती है कि यह एक अल्पसंख्यक संस्थान है.”
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ ने साल 1967 के अपने उस फ़ैसले को पलट दिया जिसके तहत अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा हासिल नहीं हो सकता था.
साल 1967 के फ़ैसले के मुताबिक़, एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त नहीं है, क्योंकि इसकी स्थापना कानून के ज़रिए की गई थी.